अपडेटेड 27 August 2025 at 12:18 IST
कौन हैं डॉ. गणेश राख? बेटियों के जन्म पर नहीं लेते फीस, आनंद महिंद्रा ने इस अंदाज में की तारीफ
एक दिहाड़ी मजदूर ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। उसे चिंता थी कि सिजेरियन सेक्शन का खर्च उठाने के लिए उसे अपना घर गिरवी रखना पड़ेगा। फिर जो हुआ...
- भारत
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उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर डॉ. गणेश राख की असाधारण करुणा और इंसानियत की तारीफ की। महिंद्रा की यह प्रतिक्रिया आईएएस अधिकारी डी. प्रशांत नायर द्वारा पुणे के इस डॉक्टर की कहानी ऑनलाइन शेयर किए जाने के बाद आई है।
नायर की पोस्ट के अनुसार, एक दिहाड़ी मजदूर ने अपनी पत्नी को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। उसे चिंता थी कि सिजेरियन सेक्शन का खर्च उठाने के लिए उसे अपना घर गिरवी रखना पड़ेगा। बच्चे के जन्म के बाद चिंतित पिता ने डॉक्टर से बच्चे के बारे में पूछा।
डॉक्टर ने क्या कहा?
डॉ. राख ने जवाब दिया, "आपको एक फरिश्ता (बेटी) मिला है।" अस्पताल की फीस के बारे में पूछने पर पिता की झिझक को देखते हुए डॉ. राख ने कहा, "जब फरिश्ते पैदा होते हैं, तो मैं कोई फीस नहीं लेता।" पिता की प्रतिक्रिया बेहद भावुक थी, और वह डॉ. राख के चरणों में गिर पड़े और उन्हें श्रद्धापूर्वक "भगवान" कहने लगे।
गौरतलब है कि डॉ. गणेश राख एक दशक से भी ज्यादा समय से अपने अस्पताल में जन्मी बच्चियों की फीस माफ कर रहे हैं। 2007 में अपना अस्पताल खोलने के बाद से उन्होंने अपनी "बेटी बचाओ" पहल के तहत एक हजार से ज्यादा लड़कियों का निःशुल्क प्रसव कराया है।
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आनंद महिंद्रा ने क्या लिखा?
आनंद महिंद्रा ने लिखा, "दो बेटियों का पिता होने के नाते मैं यह अच्छी तरह जानता हूं कि जब आपके घर में एक फरिश्ता (बेटी) पैदा होता है तो कैसा लगता है, लेकिन यह डॉक्टर भी एक फरिश्ता है। कृपा और उदारता का फरिश्ता। इस पोस्ट ने मुझे याद दिलाया है कि हफ्ते की शुरुआत खुद से यह पूछने से ज्यादा प्रभावशाली और कोई तरीका नहीं है कि आपके लक्ष्य और आपका काम आपके समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव कैसे डालेगा।"
आपको बता दें कि एक इंटरव्यू में, डॉ. राख ने कहा था कि जब लोग बेटियों के जन्म का जश्न मनाना शुरू करेंगे, तब वे फीस लेना फिर से शुरू कर देंगे।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 27 August 2025 at 12:15 IST