अपडेटेड 19 September 2025 at 10:23 IST
भारत के खिलाफ घट सकता है अमेरिकी टैरिफ, 10-15% तक हो सकता है; मुख्य आर्थिक सलाहकार का बड़ा दावा; तारीख भी बता दी
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका जल्द ही भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए दंडात्मक शुल्कों को वापस ले लेगा।
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नई दिल्ली: भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका जल्द ही भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए भारी दंडात्मक शुल्क वापस ले लेगा। उनका कहना है कि नवंबर के अंत तक इन अतिरिक्त टैरिफ को हटाया जा सकता है, जिससे निर्यातकों को बड़ी राहत मिलेगी।
गुरुवार को राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए नागेश्वरन ने कहा, "मेरा मानना है कि 30 नवंबर के बाद ये दंडात्मक शुल्क लागू नहीं रहेंगे। यह किसी आधिकारिक जानकारी पर आधारित नहीं है, बल्कि हालिया घटनाक्रम को देखते हुए मेरा आकलन है।"
आपको बता दें कि इस वक्त अमेरिका भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा है। नागेश्वरन ने संकेत दिया कि आने वाले समय में पारस्परिक शुल्क को घटाकर 10-15% किया जा सकता है। उनका अनुमान है कि यह टैरिफ विवाद अगले 8-10 हफ्तों में सुलझ सकता है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह केवल व्यक्तिगत राय है, कोई औपचारिक आश्वासन नहीं।
हालिया मुलाकातें और बातचीत
अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्कों का ऐलान पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने किया था। इसका कारण भारत का रूस के साथ ऊर्जा व्यापार बताया गया था। इसके बाद वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव और भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार राजेश अग्रवाल ने अमेरिकी प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच से चर्चा की। यह इस विवाद के बाद दोनों पक्षों की पहली आमने-सामने की मुलाकात थी।
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दोहरी टैरिफ व्यवस्था की वजह से कई भारतीय उत्पादों पर कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया है। इसका सीधा असर कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और खाद्य उत्पादों जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों पर पड़ा है। निर्यातकों का कहना है कि उनका मुनाफा काफी कम हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आंशिक रूप से भी शुल्क वापसी होती है तो इससे लागत का दबाव घटेगा और व्यापारिक रिश्तों में भरोसा लौटेगा।
राजनीतिक पहलू भी अहम
विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल समाधान बातचीत के जरिए खोजा जा रहा है, लेकिन अमेरिका की घरेलू राजनीति भी इस फैसले पर असर डाल सकती है। भारतीय अधिकारी मानते हैं कि हालात बेहतर होने की पूरी संभावना है, फिर भी सरकार सभी संभावित परिस्थितियों के लिए तैयार है।
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फिलहाल, सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या अमेरिका नवंबर के अंत तक दंडात्मक शुल्क वापस लेगा और क्या दोनों देशों के बीच पारस्परिक टैरिफ को अधिक संतुलित स्तर पर लाया जा सकेगा। जब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आता, तब तक दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच यह विवाद अनिश्चितता बनाए रखेगा।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 19 September 2025 at 09:49 IST