अपडेटेड 4 July 2025 at 21:08 IST
Doctor cuts patient private part : डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। हिप्पोक्रेटिक शपथ (Hippocratic Oath) और भारत में चरक शपथ (Charak Oath) के तहत डॉक्टरों को मरीज की भलाई, गोपनीयता और उनकी सहमति के बिना कोई बड़ा कदम न उठाने की शपथ लेनी होती है। असम में एक डॉक्टर ने शपथ तो क्या, अपनी पेशेवर जिम्मेदारी का भी ख्याल नहीं रखा। आरोप है कि संक्रमण का इलाज कराने गए युवक का डॉक्टर ने बिना पूछे प्राइवेट पार्ट काट दिया।
ये चौंकाने वाला मामला असम के सिलचर शहर से सामने आया है। युवक की जिंदगी खराब कर देने वाली इस घोर लापरवाही का आरोप एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर लगा है। आरोप है कि पीड़ित अतीकुर्रहमान मणिपुर के जिरीबाम जिले से सिलचर के आर.ई अस्पताल में अपने संक्रमण का इलाज कराने आया है, लेकिन डॉक्टर ने उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया और अब डॉक्टर फरार है।
अतीकुर्रहमान को पूरी जिंदगी का दर्द देने का आरोप डॉक्टर ईडन सिन्हा पर लगा है। रहमान 19 जून को जननांगों में संक्रमण का इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था। डॉक्टर ने उसे बायोप्सी कराने की सलाह दी थी। दावा है कि बायोप्सी के नाम पर ऑपरेशन थियेटर ले जाकर बिना सहमति के गुप्तांग पूरी तरह काट दिया। मरीज का दावा है कि उसे ऑपरेशन की पूरी जानकारी नहीं दी गई थी। पीड़ित ने अपना दर्द सिलचर के गुंगुर पुलिस स्टेशन में सुनाकर शिकायत दर्ज कराई है।
अतीक को ऑपरेशन के बाद तक भी कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जब ड्रेसिंग खुलने के बाद असलियत सामने आई, तो पैरों तले जमीन खिसक गई। अस्पताल प्रशासन पर आरोप है कि जब उन्होंने डॉक्टर से बात करना चाही, तो मुलाकात से रोक दिया गया। स्थानीय पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन डॉक्टर या अस्पताल की तरफ से खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
पब्लिश्ड 4 July 2025 at 21:08 IST