अपडेटेड 14 August 2025 at 12:44 IST

आवारा कुत्तों को पकड़ने के मामले में SC ने फैसला रखा सुरक्षित, दिल्ली मेयर ने कोर्ट से कहा- 'हमें भी जानवरों से प्यार है लेकिन...'

आवारा कुत्तों को पकड़ने के मामले में SC ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें दी गई।

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Supreme Court on Stray Dogs
आवारा कुत्तों के मामले में SC ने फैसला रखा सुरक्षित। | Image: ANI/Supreme Court

दिल्ली-एनसीआर में आवारों कुत्तों को पड़ने के आदेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर से सुनवाई हुई। आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने के मामले में दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें दी गई। फिलहाल, दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले में SC ने फैसला सुरक्षित रखा है।

आवारा कुत्तों को पकड़ने के मामले में एक NGO की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सवाल यह है कि क्या नगर निगम ने कुत्तों के लिए आश्रय गृह बनाए हैं? क्या कुत्तों की नसबंदी की गई है? अब, कुत्तों को उठाया जा रहा है। हालांकि, आदेश में कहा गया है कि नसबंदी के बाद, आवारा कुत्तों को समुदाय में नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

आवारा कुत्तों के मामले में SC के आदेश पर रोक की मांग

बता दें, आवारा कुत्तों के मामे में कपिल सिब्बल मामले की सुनवाई कर रहे दो जजों की पीठ के 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने दलील देते हुए कहा कि एमसीडी और सरकार ने कहा है कि नियमों को लागू किया जाना चाहिए। हमने ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट जमा कर दी। इंसान पीड़ित हैं, हर 24 लोगों पर एक आवारा कुत्ता है। यहां मौजूद सभी लोगों को, जब भी हमले हों, उनकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

आवारा कुत्तों को लेकर क्या बोले दिल्ली मेयर?

आवारा कुत्तों को लेकर दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा, "जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश होगा, उसका हम पालन करेंगे। हम भी पशु प्रेमी हैं लेकिन मानवता हमारा आधार है। हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर कुछ नहीं है। हम पहले फेज में जो कुत्ते काट रहे हैं, उनपर एक्शन ले रहे हैं। कल हमने विभिन्न जोन से 150 कुत्ते उठाए हैं।"

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दिल्ली सरकार और दिल्ली-एनसीआर के अन्य संबंधित अधिकारियों को आठ हफ्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय का यह फैसला न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ द्वारा 11 अगस्त को पारित एक आदेश के बाद आया है, जिसमें आठ हफ्तों के भीतर दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए कहा गया था।

पेटा इंडिया और FIAPO जैसे संगठनों ने जताया था विरोध

आवारा कुत्तों को लेकर SC के पिछले आदेश पर राष्ट्रीय राजधानी में बहस और विरोध शुरू हो गया था, जहां पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और पेटा इंडिया और भारतीय पशु संरक्षण संगठनों के महासंघ (FIAPO) जैसे संगठनों ने कड़ा विरोध जताया था। उनका तर्क था कि आवारा कुत्तों को बड़े पैमाने पर हटाना अव्यावहारिक, अतार्किक और गैरकानूनी होगा और इससे इंसानों और जानवरों, दोनों के लिए अराजकता और पीड़ा पैदा हो सकती है। SC का यह निर्णय सभी हितधारकों और समूहों को अपनी चिंताओं और तर्कों को प्रस्तुत करने का एक नया अवसर प्रदान करेगा।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 14 August 2025 at 12:10 IST