अपडेटेड 12 February 2025 at 16:04 IST

भीड़ का नेतृत्व और मौत का खेल...1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़ा क्या है वो मामला, जिसमें दोषी ठहराए गए सज्जन कुमार

Sajjan Kumar convicted: सज्जन कुमार पहले से ही दिल्ली कैंट में हुई हत्याओं से जुड़े एक अन्य सिख विरोधी दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

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Sajjan Kumar
सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार दोषी पाए गए. | Image: PTI

Sajjan Kumar 1984 Anti-Sikh riots case: कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार दोषी करार दे दिए गए हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाया है और सज्जन सिंह की सजा पर 18 फरवरी को बहस की जाएगी। राउज एवेन्यू कोर्ट का ये फैसला उन सिखों के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा सकता है, जो 1984 के सिख दंगों का दर्द झेल रहे हैं। सज्जन सिंह को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में दोषी पाया गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सज्जन कुमार पहले से ही दिल्ली कैंट में हुई हत्याओं से जुड़े एक अन्य सिख विरोधी दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 1984 के दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे, जिसके कारण सिख समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसा हुई थी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराया। सज्जन कुमार को फैसला सुनाने के लिए तिहाड़ जेल से अदालत में पेश किया गया।

भीड़ का नेतृत्व और मौत का खेल... क्या है वो केस?

ये मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर इलाके में दो सिखों सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। शाम के करीब 4 से साढ़े 4 बजे के बीच दंगाइयों की एक भीड़ ने लोहे की सरियों और लाठियों से पीड़ितों के घर पर हमला किया। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस के तत्कालीन सांसद सज्जन कुमार ने किया था, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। आरोप था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमले के लिए उकसाया, जिसके बाद दोनों सिखों को उनके घर में जिंदा जला दिया गया। भीड़ ने घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी भी की थी।

उस समय पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन ने शुरू में मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले ली। न्यायमूर्ति जीपी माथुर समिति की सिफारिश पर एसआईटी का गठन किया गया था। कमेटी ने 114 मामलों को फिर से खोलने की सिफारिश की थी। ये मामला उनमें से एक था। 16 दिसंबर 2021 को अदालत ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए, जिसमें उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला पाया गया।

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एसआईटी ने सज्जन कुमार की भूमिका की पुष्टि की

एसआईटी ने भी पुष्टि की थी कि आरोपी उक्त भीड़ का नेतृत्व कर रहा था और उसके उकसावे और उकसावे पर भीड़ ने उपरोक्त दो व्यक्तियों को जिंदा जला दिया था और उनके घरेलू सामान और अन्य संपत्ति को भी क्षतिग्रस्त, नष्ट और लूट लिया था, उनके घर को जला दिया था और उनके घर में रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को भी गंभीर चोटें पहुंचाई थीं।

दिसंबर 2021 में सज्जन कुमार पर आरोप तय हुए

ये दावा किया जाता है कि जांच के दौरान, मामले के महत्वपूर्ण गवाहों का पता लगाया गया, उनकी जांच की गई और उनके बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किए गए। 16 दिसंबर 2021 को अदालत ने आरोपी सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 148 और 149 के तहत दंडनीय अपराधों के साथ-साथ धारा 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436 और 440 के साथ धारा 149 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोप तय किए थे।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 12 February 2025 at 14:59 IST