अपडेटेड 30 July 2024 at 23:34 IST
दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद सामने आए विकास दिव्यकीर्ति, बोले- मुझे बनाया जा रहा निशाना, क्योंकि...
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि तीन बच्चों की मौत बहुत दर्दनाक है। 3 दिनों से मन में एक छवि आ रही है कि जब अंदर पानी भरा होगा तो उन बच्चों पर क्या गुजरी होगी।
- भारत
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Vikas Divyakirti on Delhi IAS Coaching Center Incident: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में घटी घटना के बाद छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। छात्र गुस्से में हैं और लगातार इंसाफ की मांग कर रहे हैं। तीन छात्रों की मौत के मामले में कोचिंग संचालक भी चुप्पी के आरोप झेल रहे हैं। छात्र लगातार विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा जैसे शिक्षकों की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं।
इस बीच दृष्टि IAS के विकास दिव्यकीर्ति ने आखिरकार सामने आए हैं और पूरे मामले पर खुलकर अपना पक्ष रखा। साथ ही इस दौरान उन्होंने हादसे के बाद अपने ऊपर उठ रहे सवालों पर भी बयान दिया है।
‘हर कोई बलि का बकरा चाहता है…’
एएनआई के साथ बातचीत में विकास दिव्यकीर्ति ने घटना के बाद टारगेट किए जाने पर कहा, "मुझे निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि ऐसे मामलों में, हर कोई बलि का बकरा चाहता है। बच्चों में नाराजगी इस वजह से है कि मैं क्यों नहीं उनके साथ खड़ा हूं। मुझे उनकी नाराजगी समझ में आती है। हादसे के बाद सीलिंग की कार्रवाई 50 से ज्यादा इंस्टीट्यूट पर हुई, उसमें हमारा भी एक है। उनका सारा गुस्सा मेरे ऊपर फूटा है।" उन्होंने कहा कि सब मेरे इसी वजह से पीछे पड़े हैं। मैंने लेट प्रक्रिया इसलिए दी क्योंकि मैं उतना एक्सप्रेसिव नहीं हूं।
विकास दिव्यकीर्ति ने आगे कहा कि तीन बच्चों की मौत बहुत दर्दनाक है। पिछले 3 दिनों से जब भी हम घर पर बात करते हैं या सोने जाते हैं तो मन में एक छवि आती है कि जब अंदर पानी भरा होगा तो उन बच्चों पर क्या गुजरी होगी। अभी जो छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, उनकी सभी बातें जायज हैं।
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‘एलजी के साथ मीटिंग में शामिल हुआ, अब…’
उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने कुछ बच्चों से मुलाकात की है। साथ ही वह एलजी के साथ एक मीटिंग में भी शामिल हुई, जिसके बाद उन्हें एक कमेटी का हिस्सा बनाया गया है।
दृष्टि IAS के संचालक ने कहा कि आज मेरा 3-4 बच्चों से मिलना हुआ। कई इंस्टीट्यूट के छात्र और मालिक भी थे। एलजी ने एक मीटिंग बुलाई थीं। उसमें भी गया था। मीटिंग बड़ी अच्छी हुई। अच्छा लगा कि वह एक्टिव हैं। उनको कुछ समस्याएं पता नहीं थीं। उन्होंने सबका पक्ष सुना उसके बाद एक कमेटी बनाई है, जिसमे मैं भी हूं और बाकी लोग भी हैं। अगले कुछ दिन में हम मीटिंग करेंगे और समस्या का स्थायी समाधान ढूंढेंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी दिल्ली के उपराज्यपाल देख रहे हैं। उस बैठक में दिल्ली सरकार का कोई मंत्री नहीं था। अधिकारी बहुत सारे थे।
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‘मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने को तैयार…’
विकास दिव्यकीर्ति ने आगे कहा कि चूक हुई है ये मैं मानूंगा। दिल्ली में करीब 1000 से ज्यादा कोचिंग इंस्टीट्यूट होंगे। फायर NOC किसी के पास नहीं है। हादसे के बाद कई सारी चीजें सामने आती हैं। उन्होंने कहा, “मैं खुलकर मानता हूं कि इसमें कोचिंग सेंटर की जिम्मेदारी बनती है। संयोग की बात है कि यह हादसा कहीं और हुआ, यह कहीं भी हो सकता था। इसे ठीक करना सभी संस्थानों की जिम्मेदारी है, मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने को तैयार और तत्पर हूं। मैं स्पष्ट करता हूं कि किसी भी सूरत में दिल्ली में जिन चीजों की इजाज़त नहीं है वह हम नहीं करेंगे, चाहे हमें दिल्ली छोड़नी पड़े, चाहे कहीं और जाना पड़े लेकिन जो भी स्वीकृत इमारतें होंगी हम वहीं काम करेंगे।”
बता दें कि इससे पहले दृष्टि IAS ने भी कोचिंग हादसे के बाद एक बयान जारी किया था। प्रेस रिलीज में कोचिंग संस्थान द्वारा बच्चों की मौत पर दुख जताया गया। साथ ही बयान में कोचिंग सेंटर्स के लिए नियमों में अंतर्विरोध के मुद्दे को भी उठाया गया।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 30 July 2024 at 23:34 IST