अपडेटेड 30 July 2024 at 19:04 IST
MCD के एक्शन पर विकास दिव्यकीर्ति के दृष्टि IAS की आई पहली प्रतिक्रिया, कहा- समस्या उतनी सरल नहीं...
Drishti IAS ने बयान में कहा कि दिल्ली मास्टरप्लान-2021 को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए हैं।
- भारत
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Vikas Divyakirti Drishti IAS Statement: दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे में तीन छात्रों की दर्दनाक मौत पर हंगामा बरपने के बाद नगर निगम (MCD) हरकत में आया है। राजेंद्र नगर हादसे के बाद अवैध और बेसमेंट में चल रहे कई कोचिंग सेंटर्स पर एमसीडी ने एक्शन लिया है। लिस्ट में नाम विकास दिव्यकीर्ति के दृष्टि आईएएस का भी शामिल है। नगर निगम की टीम ने सोमवार (29 जुलाई) को दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट को सील कर दिया था, जहां क्लास चल रही थीं।
MCD के एक्शन के बाद अब दृष्टि IAS की ओर से इस पर पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। मामले को लेकर जारी स्टेंटमेंट में दृष्टि IAS की ओर से छात्रों की मौत पर दुख जताया गया और उनके गुस्से को भी सही ठहराया। साथ ही इस दौरान कोचिंग सेंटर्स के लिए नियमों में अंतर्विरोध के मुद्दे को भी उठाया गया।
'पक्ष रखने में देरी की, लेकिन...'
दृष्टि IAS की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी की गई है, जिसमें लिखा है, "हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें। शनिवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिसमें 3 विद्यार्थियों श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय और दर्दनाक मृत्यु हुई, उस पर हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।"
स्टेंटमेंट में आगे लिखा गया, "बच्चों के परिवारों से हमारा प्रत्यक्ष परिचय नहीं है, लेकिन दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह उनके साथ हैं। दुर्घटना को लेकर छात्रों में जो रोष दिख रहा है, वह पूरी तरह न्यायसंगत है। बहुत अच्छा होगा अगर इस रोष को सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिए निश्चित दिशा-निर्देश लागू करें। इस संबंध में हम सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने को तत्पर हैं।"
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नियमों के अंतर्विरोध का उठाया मुद्दा
दृष्टि IAS ने बयान में कहा, "कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं। इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं। DDA, MCD और दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है। इसी तरह 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021', 'नेशनल बिल्डिंग कोड', 'दिल्ली फायर रूल्स' और 'यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज' के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है।"
इसमें कहा गया, "दिल्ली मास्टरप्लान-2021 को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए हैं। उम्मीद है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो उसमें ऊपर लिखे बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा।"
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'छात्रों की सुरक्षा के लिए हम काफी सतर्क'
बयान में कहा गया कि हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है। वर्तमान में हमारी मैनेजमेंट में 'फायर एंड सेफ्टी ऑफिसर' का विशेष पद है जिस पर कार्यरत अधिकारी नेशनल फायर सर्विस कॉलेज (नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 वर्षों तक यही कार्य कर चुके हैं। वे प्रत्येक भवन का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं। इसके अलावा हर भवन के लिए एक-एक अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वह रोज सुरक्षा के 16 बिंदुओं को चेक करें और इसकी सूचना 'बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप' पर अपडेट करे। हमारे क्लासरूम जिन भी भवनों में हैं, उनमें आने-जाने के लिए कम से कम दो रास्ते हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें।
'समस्या का स्थायी समाधान यही होगा कि...'
इसके अलावा इस दौरान दृष्टि IAS ने नगर निगम की कार्रवाई को जायज बताया। साथ ही आगे लिखा, "इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिए नियत करे। अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की।"
इस दौरान दृष्टि IAS की टीम की ओर से जाने-अनजाने में चूक होने पर माफी भी मांगी गई है और कहा कि हम विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सतर्क रहने का भरोसा दिलाते हैं।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 30 July 2024 at 19:04 IST