अपडेटेड 28 July 2024 at 20:59 IST
BREAKING: कोचिंग सेंटर में डूबकर 3 बच्चों की मौत, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मालिक और कोर्डिनेटर
दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर के मालिक और कोर्डिनेटर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
- भारत
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Delhi Coaching Centre Tragedy: दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के बाद अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। कोचिंग के मालिक और कोर्डिनेटर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। तो वहीं इस बड़े हादसे के बाद MCD की नींद भी खुल गई है। राजेंद्र नगर में MCD ने कार्रवाई शुरू करदी है। MCD की टीम कई कोचिंग सेंटर के अवैध बेसमेंट को सील करने पहुंची है।
छात्रों की मौत मामले में LG ने जांच के आदेश दिए हैं और 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। वहीं, बीजेपी ने MCD और दिल्ली सरकार को दोषी बताया है और AAP कह रही है कि LG के हाथ में सबकुछ है। कुल मिलाकर कोचिंग में छात्रों की मौत मामले पर सियासत भी तेज हो गई है। सरकार के खिलाफ गुस्साए छात्र सड़कों पर कैंडल मार्च के साथ जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं।
सिस्टम में कैसे डूब गए 3 सपने?
जिस कोचिंग सेंटर में ये हादसा हुआ उसमें 8 फीट नीचे एक बड़ा सा बेसमेंट है। बेसमेंट में लाइब्रेरी थी, जहां हादसे के वक्त करीब 35 छात्र बैठकर पढ़ रहे थे। तेज बारिश की वजह से बाहर का पानी अंदर भरना शुरू हो गया। खतरे को देखते हुए कोचिंग सेंटर का गेंट बंद कर दिया गया, लेकिन बाहर एक कार गुजरी तो अचानक पानी का दबाव बढ़ा और गेट टूटने से पानी बेसमेंट में जाने लगा।
पानी इतनी तेजी से अंदर आया जैसे कोई बांध टूट गया हो, कुछ सेकेंड में ही बेसमेंट में घुटनों तक पानी भर गया। तेज बहाव में 8-10 बच्चे किसी तरह सीढ़ियों से निकले। IAS की तैयारी कर रहे बाकी बच्चे बेंच पर खड़े हो गए, लेकिन 3 मिनट में ही 12 फीट से ज्यादा पानी भर गया। मतलब बेंच डूब गई और उसमें खड़े बच्चे भी डूबने लगे। बच्चों को बचाने के लिए कुछ लोगों ने रस्सियां फेंकी, लेकिन पानी इतना गंदा था कि रस्सी दिखाई नहीं दे रही थी। फायर ब्रिगेड, पुलिस और NDRF थोड़ी देरी से मौके पर पहुंची। पंप के सहारे पहले बेसमेंट से कुछ पानी निकाला गया और फिर NDRF के जवान वहां फंसे बच्चों को निकालने लगे, लेकिन बेसमेंट से 3 बच्चों को जिंदा नहीं बचाया जा सका। इस हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों के नाम श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डाल्विन हैं।
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श्रेया यादव
श्रेया यादव यूपी के अम्बेडकरनगर की रहने वाली थीं और IAS बनने का सपना लेकर 4 महीने पहले ही दिल्ली आई थी। पिता दूध बेचकर बेटी को दिल्ली में पढ़ा रहे थे, क्योंकि श्रेया बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थी। सुल्तानपुर से अच्छे नंबरों से B.Sc. पास किया था। इसके बाद मदर डेयरी में नौकरी लगी, लेकिन IAS बनने के लिए जॉब को छोड़ दिया। श्रेया यादव के चाचा कहते हैं बेटी से पूरे परिवार को बहुत उम्मीद थी, लेकिन सिस्टम की लापरवाही से सपने डूब गए।
नेविन डॉल्विन
नेविन डॉल्विन केरल के एर्नाकुलम से IAS की तैयारी करने राजधानी आए थे। वो JNU के रिसर्च स्कॉलर थे और P.Hd भी कर रहे थे। कोचिंग के सहपाठी मानते थे कि नेविन IAS अफसर जरूर बनते, पुलिस सेवा में रह चुके नेविन के पिता को भी पूरा यकीन था। लेकिन बेसमेंट में आए सैलाब में नेविन का सपना भी डूब गया। जब नेविन की मौत की खबर आई, तब माता-पिता चर्च में थे।
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तान्या सोनी
तान्या सोनी मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली थी। उसका पूरा परिवार अब तेलंगाना के सिकंदराबाद में रहता है। तान्या ने पहले अच्छे नंबरों से दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और फिर IAS बनने के लिए कोचिंग सेंटर से तैयारी कर रही थी। तान्या के भाई ने कहा- सिस्टम को बदलने का इरादा लेकर वो दिल्ली आई थी, लेकिन तान्या उसी सिस्टम का शिकार हो गई।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 28 July 2024 at 20:31 IST