अपडेटेड 12 August 2025 at 17:30 IST
BREAKING: दिल्ली-NCR वालों के लिए बड़ी खबर, 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल वाहनों पर फिलहाल रोक नहीं; SC का बड़ा फैसला
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पर रोक लगा दी गई है।
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दिल्ली-एनसीआर के लोगों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पर रोक लगा दी गई है। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय से कोई दंडात्मक कदम न उठाने का आदेश देने पर विचार करने का आग्रह किया।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में अपनी दलील में कहा कि मेरे पास एक गाड़ी है। मैं इसका इस्तेमाल कोर्ट से घर और वापस कोर्ट आने-जाने के लिए करता हूं। 10 साल बाद भी यह गाड़ी महज 2000 किलोमीटर ही चली होगी। वहीं यदि कोई इसे टैक्सी के लिए इस्तेमाल करता तो यह 2 साल में ही 1 लाख किलोमीटर तक चल जाती।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील में आगे कहा कि मुझे अपनी गाड़ी इसलिए बेचनी होगी क्योंकि यह 10 साल पूरी कर चुकी है लेकिन 1 लाख किलोमीटर चल चुकी गाड़ी (जैसे कोई टैक्सी) चलती रहेगी क्योंकि उसकी उम्र अभी दस साल से कम होगी। पुलिस का काम तो गाड़ियों को जब्त करना है। ऐसी परिस्थितियों में पुराने या ओवरएज हो चुके वाहनों के संबंध में कोई जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस
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सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने एक मजेदार टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पहले कारें 40 से 50 साल तक इस्तेमाल की जाती थीं। आज भी विंटेज कारें हैं। नोटिस जारी करिए। इस पर 4 हफ्तों में जवाब दीजिए। इस दौरान ओवरएज हो चुके वाहनों के मालिकों के खिलाफ इस आधार पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए कि उनके डीजल वाहन 10 साल पुराने हो चुके हैं जबकि पेट्रोल वाहन 15 साल पुराने हैं। इस मामले को 4 हफ्तों बाद के लिए लिस्ट करें।
कहां से शुरू हुआ पूरा मामला
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बता दें कि साल 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में इस आदेश को बरकरार रखते हुए दिल्ली के परिवहन विभाग को ऐसी गाड़ियों को जब्त करने और स्क्रैप करने का निर्देश दिया।
दिल्ली सरकार ने फरवरी 2024 में Guidelines for Handling End of Life Vehicles in Public Places of Delhi 2024 जारी करके पुरानी करीब 62 लाख पेट्रोल-डीजल गाड़ियों को सड़कों से हटाने और स्क्रैप करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन इस आदेश का विरोध हुआ। लोगों और सामाजिक संगठनों ने आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई।
साल 2024 में नागलक्ष्मी नारायणन ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की पुरानी गाड़ियों पर बैन की नीति को चुनौती दी, जिसमें दावा किया गया कि फिटनेस या उत्सर्जन मानकों को ध्यान में रखे बिना गाड़ियां जब्त करने का आदेश दिया गया है और यह आदेश संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 25 अक्टूबर 2024 को याचिका खारिज कर दी, लेकिन याचिकाकर्ता को दिल्ली सरकार के सामने एक रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति भी दी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर दिल्ली सरकार कोई प्रतिकूल आदेश देती है, तो याचिकाकर्ता कानून के अनुसार आदेश को चुनौती दे सकता है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 12 August 2025 at 16:46 IST