अपडेटेड 16 February 2025 at 19:22 IST

नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ : कैसे हुआ ये हादसा? चश्मदीदों ने सुनाई भयावह त्रासदी की कहानी

प्रत्यक्षदर्शी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया, 'भीड़ बहुत बढ़ गई, जिससे लोग फंस गए थे, वे हिलने-डुलने तक में असमर्थ थे। कुछ लोग अपना संतुलन खो बैठे और गिर गए।'

Follow : Google News Icon  
NDLS-Stampede
नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ : कैसे हुआ ये हादसा? चश्मदीदों ने सुनाई भयावह त्रासदी की कहानी | Image: Republic

Eyewitnesses Told Story of NDLS Stempede Tragedy: नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने के बाद 25 फुट चौड़े फुटओवर ब्रिज तक जाने वाली 42 पायदान की एक संकरी सीढ़ी पर लोगों का सामान जहां-तहां बिखरा नजर आया। यह घटना शनिवार को घटी जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। सीढ़ियों, पुल और प्लेटफार्म 14 और 15 पर बिखरे हुए चप्पल, फटे बैग और लावारिस सामान शनिवार रात की त्रासदी की भयावहता को बयां कर रहे थे। यह हादसा शनिवार रात 9:55 बजे हुआ जब हजारों यात्री, जिनमें से कई महाकुंभ तीर्थयात्री थे, स्टेशन पर उमड़ पड़े।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन की घोषणा में गड़बड़ी के कारण भ्रम और घबराहट की स्थिति पैदा हो गई। दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह भ्रम समान शुरुआती नाम वाली दो ट्रेन की घोषणा के कारण हुआ क्योंकि इन ट्रेन के नाम प्रयागराज शब्द से शुरू हो रहे थे। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, प्रयागराज स्पेशल के प्लेटफॉर्म 16 पर आने की घोषणा से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि  प्रयागराज एक्सप्रेस पहले से ही प्लेटफॉर्म 14 पर थी। जो लोग प्लेटफॉर्म 14 पर अपनी ट्रेन तक नहीं पहुंच पाए, उन्हें लगा कि उनकी ट्रेन प्लेटफॉर्म 16 पर आ रही है, जिसके कारण भगदड़ मच गई।


प्रयागराज जाने वाली थीं कई ट्रेनें

पुलिस अधिकारी ने बताया, 'इसके अलावा, प्रयागराज जाने वाली चार ट्रेन थीं, जिनमें से तीन देरी से चल रही थीं, जिससे अप्रत्याशित रूप से भीड़ बढ़ गई।' एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'प्रयागराज जाने वाली एक ट्रेन (प्रयागराज एक्सप्रेस) पहले से ही प्लेटफॉर्म 14 पर थी। जब विशेष ट्रेन के बारे में घोषणा की गई, तो कई यात्रियों ने सोचा कि यह घोषणा उनकी ट्रेन के बारे में है और वे प्लेटफॉर्म 16 की ओर दौड़ पड़े।' प्लेटफॉर्म 16 पर जाने का एकमात्र रास्ता 42 पायदान वाली सीढ़ी से होकर 25 फुट चौड़े फुटओवर ब्रिज तक जाता था। जैसे-जैसे हजारों लोग आगे बढ़ते गए, सीढ़ियों पर खतरनाक रूप से भीड़ बढ़ गई। ऊपर चढ़ने वालों को नीचे उतरने की कोशिश करने वालों ने रोक दिया, जिससे स्थिति बिगड़ गई।


भीड़ इतनी थी कि हिल-डुल भी नहीं पा रहे थेः प्रत्यक्षदर्शी

प्रत्यक्षदर्शी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया, 'भीड़ बहुत बढ़ गई, जिससे लोग फंस गए थे, वे हिलने-डुलने तक में असमर्थ थे। कुछ लोग अपना संतुलन खो बैठे और गिर गए, तथा उनके साथ अन्य लोग भी नीचे गिर गए।' इस भगदड़ में जीवित बचे एक व्यक्ति ने कहा, 'मैं हिल भी नहीं पा रहा था। लोग मेरे ऊपर गिर रहे थे।' बचाव अभियान में शामिल एक रेलवे कर्मचारी ने इस दृश्य को अपने द्वारा देखी गई सबसे भयानक आपदाओं में से एक बताया।

Advertisement


रेलवे कर्मचारी ने बताया आंखों देखा हाल

रेलवे कर्मचारी ने बताया, 'लोगों के पास अपना सामान उठाने का समय नहीं था, वे बस अपनी जान बचाने के लिए भागे। जूते और टूटी हुई चूड़ियां जमीन पर बिखरी हुई थीं, और एक बच्चे का स्कूल बैग भी लावारिस पड़ा दिखा।' रेलवे अधिकारियों ने माना कि इस त्रासदी में अत्यधिक भीड़ की अहम भूमिका थी। जनरल टिकट 1,500 प्रति घंटे की दर से बेचे जा रहे थे, ऐसे में यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालना लगभग असंभव हो गया।

यह भी पढ़ेंः New Delhi Railway Station Stampede:अश्विनी वैष्णव ने की उच्च स्तरीय बैठक

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 16 February 2025 at 19:22 IST