अपडेटेड 25 February 2025 at 17:28 IST
3 लोगों को शराब के धंधे में मोनोपॉली दी गई, इनमें 2 जेल में...शराब घोटाले में AAP ने खजाने को कैसे लगाया 2000 करोड़ का चूना?
Cag Report : मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली विधानसभा में बताया कि इस शराब पॉलिसी से पहले 101 लोग शराब का कोराबार करते थे। जिसे कम करके 14 लोगों को काम दिया गया।
- भारत
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Cag Report Delhi : दिल्ली विधानसभा में सीएम रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट (Cag Report) पेश करदी है। दिल्ली की नई शराब नीति को लेकर रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। कैग रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के राजस्व को 2 हाजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान है। दिल्ली चुनावों के परिणाम के दिन ही पीएम मोदी ने साफ कर दिया था कि पहले ही विधानसभा सत्र में CAG रिपोर्ट सामने आएगी। उसी लाइन को CM रेखा सरकार आगे बढ़ा रही है। जिससे आम आदमी पार्टी के नेताओं की टेंशन बढ़ गई है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी 10 साल तक इस बात का ढोल पीटती रही कि वो इकलौती कट्टर ईमानदार पार्टी है। उसके इस दावे को जनता ने तो नकार दिया है, लेकिन अब BJP ने आम आदमी पार्टी की इस ईमानदारी का पूरा पुलिंदा जनता के सामने रख दिया है। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को पेश की गई कैग रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार को 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ है। इसके लिए कमजोर नीतिगत ढांचे से लेकर आबकारी नीति के लागू करने में हुई गड़बड़ियों को कारण माना गया है।
3 लोगों के पास 71 प्रतिशत कारोबार
दिल्ली की BJP सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली विधानसभा में बताया कि इस शराब पॉलिसी के आने से पहले दिल्ली में 101 लोग शराब का कारोबार करते थे। 101 लोगों की जगह कम करके 14 लोगों को काम दिया गया। सिरसा ने बताया कि इन 14 लोगों में से भी 3 लोगों के पास दिल्ली में 71 प्रतिशत काम था। 3 लोगों को शराब के धंधे में मोनोपॉली दी गई।
सिफारिशों को किया नजरअंदाज
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली नई सरकार द्वारा पेश की जाने वाली पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के प्रदर्शन पर 14 में से एक रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी चिह्नित किया गया है। इसमें बताया गया है कि अब खत्म हो चुकी नीति के बनाने में बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था।
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चुनाव से पहले चर्चा का विषय बने कथित शराब घोटाले पर रिपोर्ट में 941.53 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान का दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर अनुरूप नगरपालिका वार्ड में शराब की दुकानें खोलने के लिए समय पर अनुमति नहीं ली गई। गैर अनुरूप इलाके वे क्षेत्र हैं, जो शराब की दुकानें खोलने के लिए जमीन उपयोग मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं।
लाइसेंस शुल्क में करीब 890 करोड़ का नुकसान
मुख्यमंत्री द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘आबकारी विभाग को इन क्षेत्रों से लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब 890.15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि नीति वापस लेने और विभाग द्वारा फिर से निविदा जारी करने में विफलता के कारण इन क्षेत्रों से लाइसेंस शुल्क लिया गया।’’
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इसके अलावा, कोविड-19 महामारी से संबंधित बंद के कारण लाइसेंसधारियों को ‘‘अनियमित अनुदान’’ छूट के कारण 144 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘मास्टर प्लान दिल्ली-2021’ में गैर-अनुरूप क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर रोक लगाई गई है, लेकिन आबकारी नीति 2021-22 में प्रत्येक वार्ड में कम से कम दो खुदरा दुकानें खोलना अनिवार्य किया गया है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 25 February 2025 at 16:30 IST