अपडेटेड 25 November 2025 at 09:34 IST

इथोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट का दिल्ली-NCR तक असर, खतरनाक राख की वजह से हवा हुई और जहरीली; DGCA ने जारी की एडवाइजारी

इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी की राख भारत तक पहुंचा गया है। इसका असर दिल्ली-NCR में देखने को मिल रही है। हवा में धुंध की मोटी परत छा गई है, जिसकी वजह से उड़ानों पर भी असर पड़ा है।

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इथोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट का दिल्ली-NCR तक असर | Image: X/ANI

वायु प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्ली-NCR पर अब एक और आफत आ गई है। इथियोपिया के हेली गुब्बी (Hayli Gubbi) ज्वालामुखी में करीब 10,000 साल बाद हुए भीषण विस्फोट से निकली राख का बादल भारत पहुंच गया है। इसका असर राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। राख से हवा की क्वालिटी और मौसम पर प्रभावित हुआ है। हालात को देखते हुए DGCA ने एडवाइजरी जारी की है।

इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी की राख सोमवार रात दिल्ली-NCR पहुंच गई। बीती रात यह राख बादल पश्चिमी भारत से प्रवेश करते हुए उत्तर भारत तक फैल गया। सबसे पहले यह राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर के ऊपर से गुजरा, फिर धीरे-धीरे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के बड़े हिस्सों में छा गया। इसका असर मंगलवार की सुबह-सुबह देखने को मिला रहा है।

गुब्बी ज्वालामुखी विस्फोट का दिल्ली तक असर

मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार की सुबह का सूरज अलग और चमकीले रंग में दिखाई दे सकता है, क्योंकि राख की वजह से लाइट में ऐसा असर पड़ेगा। राष्ट्रीय राजधानी में स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है। वीडियो ITO इलाके से है।  CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के दावे के मुताबिक, इलाके के आसपास AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 380 दर्ज किया गया है, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है।

हवा में धुंध की छाई मोटी परत

इंडिया गेट के आसपास के इलाके में स्मॉग की वजह से विजिबिलिटी जीरो हो गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, इलाके का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 328 है, जिसे 'बहुत खराब' कैटेगरी में रखा गया है। आनंद विहार इलाके में भी हालात बदतर हैं। हवा में धुंध की मोटी परत है और पूरे क्षेत्र पर जहरीला स्मॉग छाया हुआ नजर आ रहा है।

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ज्वालामुखी के खतरनाक राख ने बढ़ाई परेशानी

मौसम विभाग के अनुसार, लाल सागर को पार करते हुए यह बादल 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारत की ओर बढ़ा। फिलहाल यह 15,000 से 45,000 फीट की ऊंचाई पर फैला हुआ है। बादल में राख के साथ-साथ सल्फर डाई-ऑक्साइड, कांच के कण और चट्टानों के टुकड़े भी मौजूद हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण में और इजाफा संभव है।

DGCA ने जारी की एडवाइजरी 

राख के बादल से उड़ान भरते विमानों के इंजन को गंभीर खतरा होने की आशंका के चलते डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने सभी एयरलाइंस के लिए तत्काल एडवाइजरी जारी कर दी है। कई उड़ानों में देरी और कुछ रद्द हो सकते हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि ज्वालामुखी की राख से प्रभावित इलाकों और फ्लाइट लेवल से पूरी तरह बचना जरूरी है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 25 November 2025 at 08:25 IST