अपडेटेड 29 April 2025 at 18:38 IST

दिल्ली में स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम, स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी, बच्चे को निकालने पर 50 हजार का जुर्माना

Delhi News : दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि कैबिनेट में ड्राफ्ट बिल पास किया है, जिसमें सभी प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर पूरी गाइडलाइन तय की जाएगी।

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Delhi School Fees Act approved in Delhi Cabinet meeting
'दिल्ली स्कूल फीस एक्ट' को मंजूरी | Image: Republic

Delhi Fee Act: दिल्ली में अब प्राइवेट स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी। कैबिनेट बैठक में दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 'दिल्ली स्कूल फीस एक्ट' को मंजूरी दे दी है। अब दिल्ली में स्कूलों की फीस वृद्धि में मनमानी बंद होगी। किसी भी बच्चे को स्कूल से बाहर करने पर प्रति बच्चा 50 हजार का जुर्माना लगेगा और 20 दिनों बाद जुर्माना डबल होगा। 20 दिनों बाद मामला सीधे जिलाध्यक्ष कमेटी के पास पहुंच जायेगा।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि "1973 से लेकर आज तक इस पर कोई प्रावधान नहीं हुआ कि स्कूलों पर लगाम कैसे लगाई जाए। लेकिन आज दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है। आज हमने कैबिनेट में ड्राफ्ट बिल पास किया है, जिसमें सभी प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर पूरी गाइडलाइन तय की जाएगी और इतिहास में पहली बार दिल्ली सरकार द्वारा ऐसा बिल तैयार किया जा रहा है, जो अपने आप में फुल प्रूफ है...ये दिल्ली की जनता के लिए सुकून का विषय है।"

'मनमाने ढंग से बढ़ रही थी फीस'

दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि लगातार स्कूलों की मनमानी की शिकायत मिल रही थी। इसके बाद स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये गये थे। अब फीस का जो भी प्रोसेस होगा, वह पूरी तरह से पारदर्शिता वाला होगा। अभी तक कोई रोक-टोक नहीं थी, मनमाने ढंग से फीस बढ़ रही थी। 

कैसे तय होगी फीस?

अब फीस को लेकर स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। रेगुलर 3 लेवल पर फीस तय होंगी। नॉमिनी स्कूल लेवल पर उसके आब्जर्वर के रूप में, उसमें 5 पैरेंट होंगे। जितने पेरेंट्स है इसके रूल्स फार्मूले होंगे, नियम के माध्यम से पेरेंट्स को चुना जाएगा और यह 3 साल के लिए फीस को बढ़ाने या फीस के संदर्भ में क्या करना है उसका निर्णय करेंगे। यह पांच सदस्य की पूरी कमेटी होगी, जिसमें एक एससी-एसटी समाज का अभिभावक भी होगी। इन 10 सदस्यों में दो महिलाओं का होना भी अनिवार्य होगा।

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स्कूल की रेगुलेशन कमेटी फीस का फैसला लेते हुए कई बिंदुओं को ध्यान में रखेगी। स्कूल के पास खाते में कितना पैसा है, स्कूल कौन सा पे कमीशन देता है, टीचर्स का वेतन कितना है, लाइब्रेरी डिजिटल है या नहीं? इस तरह के 18 पॉइंट के आधार पर स्कूल फीस का निर्णय होगी। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि कमेटी 31 जुलाई तक बन जाएगी।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 29 April 2025 at 16:38 IST