अपडेटेड 17 December 2025 at 12:29 IST

दिल्ली में प्रदूषण ने मचाया त्राहिमाम, अब सभी सरकारी-प्राइवेट ऑफिस में 50% वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य; सरकार का बड़ा ऐलान

दिल्ली में लगातार बने गंभीर प्रदूषण को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है। सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क-फ्रॉम-होम अनिवार्य कर दिया गया है।

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delhi pollution
दिल्ली प्रदूषण | Image: Freepik, ANI

Air Pollution: देश की राजधानी गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। 'खतरनाक' आबोहवा को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गुरुवार, 18 दिसंबर 2025 से सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया है।

निर्देशों के तहत अब सभी सरकारी और निजी ऑफिस को केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही ऑफिस बुलाने की अनुमति होगी। नियमों की अनदेखी करने वाले संस्थानों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

मजूदरों को मिलेगा 10 हजार का मुआवजा

इसके साथ ही ग्रेप 3 के दौरान निर्माण कार्य बंद होने से प्रभावित रजिस्टर्ड मजदूरों के लिए श्रम विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली सरकार इन मजदूरों को 10 हजार का मुआवजा देगी। सरकार की तरफ से सख्त चेतावनी दी गई है कि नियमों का पालन नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। 

ग्रेप-4 खत्म होने के बाद भी दी जाएगी राहत

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, ‘दिल्ली में ग्रैप-3 जब लगा था, तब 16 दिनों तक निर्माण कार्य पूरी तरह बंद था। श्रम विभाग ने निर्णय लिया है कि  निर्माण कार्य रुकने से प्रभावित सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड मजदूरों के खातों में दिल्ली सरकार द्वारा 10 हजार रुपये भेजे जाएंगे।’

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'आधे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम जरूरी'

उन्होंने आगे कहा, 'ग्रेप-4 खत्म होने के बाद भी इसी आधार पर मजदूरों को राहत दी जाएगी। कल से सभी सरकारी और निजी संस्थानों में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही ऑफिस बुलाने की अनुमति होगी। बाकी 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम होम जरूरी होगा। यह नियम कल (17 दिसंबर) से लागू होगा।' 

इन आवश्यक सेवाओं में छूट

आदेश में आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। इसमें अस्पताल और अन्य सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य प्रतिष्ठान, अग्निशमन सेवाएं, जेल, सार्वजनिक परिवहन, बिजली, पानी, स्वच्छता, संबंधित नगरपालिका सेवाएं, आपदा प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण में लगे विभागों और एजेंसियां शामिल हैं।

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वहीं निर्देशों के उल्लंघन पर पर्यावरण (सरंक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 और 16 के तहत कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है। बता दें कि यह सख्त कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने के मकसद से उठाया गया है। 

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 17 December 2025 at 11:48 IST