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Published 22:14 IST, September 10th 2024

आवारा कुत्तों और बंदरों के आतंक पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- MCD काम ठीक से नहीं कर रही

Delhi News: हाई कोर्ट ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल से बंदरों या कुत्तों के काटे जाने के कारण हर रोज लगने वाले इंजेक्शन का पिछले 3 महीने का आंकड़े मांगा है।

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Delhi High Court
आवारा कुत्तों और बंदरों के आतंक पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जताई चिंता | Image: PTI

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों और बंदरों की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह समस्या नगर निगम अधिकारियों द्वारा कचरे का निपटान नहीं किये जाने के कारण उत्पन्न हुई है। उच्च न्यायालय ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल को पिछले तीन महीनों के आंकड़े पेश करने का निर्देश दिया कि बंदरों या कुत्तों द्वारा काटे जाने के कारण प्रतिदिन कितने लोग इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा, ‘‘यह एक गंभीर मामला और एक गंभीर समस्या है। यह समस्या शहर में नगर निकायों द्वारा कचरे का निपटान न करने से उपजी है। कचरा न उठाए जाने के कारण, सारा भोजन और कूड़ा इधर-उधर बिखरा पड़ा है। उन्हें इसका अहसास नहीं है। जानवरों को खिलाने का काम वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए।’’

'MCD अपना काम ठीक से नहीं कर रहा'

पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है। अगर एमसीडी पूरे शहर को कूड़े से भरने दे तो क्या करें? अगर जानवरों को खाना देना बंद कर दें तो वे आना बंद कर देंगे। पूरा शहर कूड़े से भरा हुआ है।’’ पीठ ने कहा कि एमसीडी हर जगह फैले कूड़े की समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है और यहां तक ​​कि उच्च न्यायालय भी बंदरों के आतंक से मुक्त नहीं है।

NDMC से मांगी रिपोर्ट

उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी एनजीओ ‘न्याय भूमि’ और ‘सोसाइटी फॉर पब्लिक कॉज’ की दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की, जिसमें आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों का मुद्दा उठाया गया था। अदालत ने एमसीडी और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) को दो सप्ताह के भीतर वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर के लिए तय की।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 22:14 IST, September 10th 2024