अपडेटेड 3 July 2025 at 19:15 IST

पुराने वाहनों को फ्यूल न देने के फैसले पर दिल्ली सरकार का यू-टर्न... पर्यावरण मंत्री ने आदेश पर रोक लगाने की मांग की

दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों को फ्यूल न देने के फैसले पर अब यू-टर्न ले लिया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने फिलहाल इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की।

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no petrol diesel for old vehicles in delhi
नो फ्यूल वाले फैसले से दिल्ली सरकार ने लिया यू-टर्न। | Image: Pixabay

हाल ही में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर कंट्रोल करने के लिए एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत करीब 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल और CNG वाहनों, साथ ही 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को किसी भी पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं देने का ऐलान किया था। हालांकि, अब दिल्ली सरकार ने अपने इस फैसले से यू-टर्न ले लिया है। फिलहाल दिल्ली सरकार ने इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है।

इस मामले में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को पत्र लिखकर दिल्ली में एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों को ईंधन न देने के निर्देश पर रोक लगाने को कहा है। उन्होंने ये भी बताया कि आखिर किन कारणों की वजह से इस फैसले को अभी लागू नहीं किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा, "हमने उन्हें जानकारी दी है कि जो ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाए गए हैं, वे मज़बूत सिस्टम नहीं हैं। उनमें अभी भी कई चुनौतियां हैं। तकनीकी गड़बड़ियां, सेंसर का काम न करना और स्पीकर का खराब होना, ये सभी चुनौतियां हैं। इसे अभी तक एनसीआर डेटा के साथ एकीकृत नहीं किया गया है। यह एचएसआरपी प्लेटों की पहचान करने में सक्षम नहीं है। हमने यह भी बताया कि गुड़गांव, फरीदाबाद और गाजियाबाद और बाकी एनसीआर में अभी तक ऐसा कानून लागू नहीं हुआ है..."

नए नियमों में कहा गया था कि 1 जुलाई से पुराने पेट्रोल, डीजल और CNG वाहनों को पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं दिया जाएगा। ऐसे वाहनों की पहचान ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) सिस्टम से की जाएगी। सभी फ्यूल स्टेशनों को निर्देशित किया गया था कि वे स्पष्ट सूचना बोर्ड लगाएं और कर्मचारियों को इस नीति के लिए प्रशिक्षित करें। दिल्ली के परिवहन विभाग ने इस नियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किए।

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फ्यूल पंपो को क्या निर्देश दिए गए थे?

मामले में  फ्यूल पंपों को सख्त निर्देश दिए गए थे। फ्यूल पंपों को जो निर्देश दिए गए उनके मुताबिक, फ्यूल देने से इंकार करने के सभी मामलों का रिकॉर्ड रखें। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर EOL वाहनों को जब्त किया जा सकता है। गैर-अनुपालन की स्थिति में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 3 July 2025 at 19:09 IST