अपडेटेड 17 November 2025 at 17:16 IST
Delhi Blast: Wolf Pack वाट्सएप ग्रुप, Howl कोड के जरिए शाहीन करती थी शुरुआत; फिर वुल्फ आवर में रची जाती थी दिल्ली ब्लास्ट की साजिश
दिल्ली बम विस्फोट मामले में शाहीन और परवेज के नेटवर्क से 'वुल्फ आवर' में कोडेड संदेशों का पर्दाफाश। व्हाट्सएप ग्रुप 'वुल्फ पैक' की एडमिन शाहीन 'हाउल' कोड से बातचीत शुरू करती।
- भारत
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Delhi blast case : दिल्ली में हुए बम विस्फोट के मामले में जांच एजेंसियां लगातार नए-नए खुलासे कर रही है। आरोपी शाहीन और परवेज को लेकर नई जानकारी सामने आई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि आरोपी शाहीन और परवेज सहित अन्य संदिग्ध रात के अंधेरे में 'वुल्फ आवर' के दौरान अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते थे। आरोपी रात 11 बजे से सुबह 2 बजे तक कोड वर्ड्स और एन्क्रिप्टेड संदेशों के जरिए संपर्क में रहते थे।
जांच में सामने आया है कि यह साजिश एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा थी, जिसमें महिलाओं को केंद्र में रखकर घातक हमलों की योजना बनाई जा रही थी। जांच एजेंसियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप 'वुल्फ पैक' का पर्दाफाश किया है, जो इस साजिश का मुख्य केंद्र था। इस ग्रुप की एडमिन शाहीन उर्फ 'मैडम सर्जन' थी, जो खुद को 'अल्फा' (ग्रुप की प्रमुख) बताती थी। परवेज और आरिफ जैसे अन्य सदस्य भी इस ग्रुप से जुड़े हुए थे।
शाहीन कोड से शुरू करती थी बातचीत
इस ग्रुप में शामिल सदस्यों के नंबरों के आगे कोड नेम्स जैसे 'स्पाइरो' (आरिफ के लिए), 'ग्रिफिथ' और 'कुरनेलियस' का इस्तेमाल किया जाता था, ताकि पहचान छिपाई जा सके। सूत्रों का कहना है कि शाहीन ही 'हाउल' कोड के जरिए बातचीत शुरू करती थी। यह कोड ग्रुप में सभी जरूरी संदेशों को ट्रिगर करता था।
वुल्फ अटैक की रणनीति पर चर्चा
इस 'वुल्फ आवर' में चैटबॉक्स के संदेशों से लेकर आपसी बातचीत का पूरा ब्योरा मिला है। इन संदेशों में लोन वुल्फ अटैक (अकेले भेड़िये जैसे हमले) की रणनीति पर चर्चा होती थी, और परवेज ने खुद ग्रुप में इसकी जानकारी मांगी थी। शाहीन सदस्यों को 'वुल्फ पैटर्न' पर घात लगाकर हमला करने की हिदायत देती थी, जो एक संगठित आतंकी मॉडल पर आधारित था।
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वुल्फ थीम पर ट्रेनिंग
सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि शाहीन महिलाओं को टारगेट कर दो अलग-अलग टीमें तैयार कर रही थी। सूत्रों के अनुसार इन टीमों के नाम 'ऑरोरा' और 'लूना' रखे गए थे, जो मादा भेड़ियों के नामों पर आधारित हैं। ये टीमें विशेष रूप से महिलाओं से बनी हुईं थीं, जिन्हें वुल्फ थीम पर ट्रेनिंग दी जा रही थी। ग्रुप में इन टीमों की भर्ती और ट्रेनिंग से जुड़े संदेश मिले हैं, जो शाहीन के नेतृत्व में चल रहे थे। जांच एजेंसियों को शक है कि ये टीमें दिल्ली ब्लास्ट जैसे हमलों में सहायक भूमिका निभा सकती थीं।
परवेज पिछले एक साल से एक इंटीग्रल यूनिट में नाइट ड्यूटी पर तैनात था, जो उसके 'वुल्फ आवर' वाले शेड्यूल से मेल खाता है। छापेमारी के दौरान उसके घर से चॉपर भी बरामद हुआ। एजेंसियां अब 'वुल्फ पैक' ग्रुप के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हैं। चैटबॉक्स के संदेशों का विश्लेषण जारी है, जिसमें कोड वर्ड्स जैसे 'हाउल', 'वुल्फ पैटर्न' और भेड़िया-थीम वाले नामों का इस्तेमाल प्रमुखता से हुआ है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 17 November 2025 at 17:16 IST