अपडेटेड 17 November 2025 at 15:35 IST
बेटे अब्दुल्ला के साथ आजम खां फिर जाएंगे जेल, रामपुर कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
यह मामला दिसंबर 2019 में दर्ज हुआ था, जब BJP विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई। आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने अपनी उम्र छिपाने के लिए दो अलग-अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए।
- भारत
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां को एक और कानूनी झटका लगा है। रामपुर की विशेष MP/MLA कोर्ट ने आजम खां और उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम को दोहरे पैन कार्ड घोटाले के मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने दोनों को धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोपों में 7 साल जेल की सजा सुनाई है।
कार्ट ने यह सजा अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड (PAN Card) मामले में सुनाई है। आजम खान और बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ BJP विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में मुकदमा दर्ज कराया था। इस फैसले के बाद आजम खां को फिर से बेटे के साथ जेल जाना पड़ेगा। वो दो महीने पहले ही जमानत पर रिहा हुए थे।
इन धाराओं में सुनाई सजा
BJP विधायक आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने बताया कि अब्दुल्ला आजम ने दो फेक पैन कार्ड का इस्तेमाल किया था। इस मामले में कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खां और आजम खां को 7-7 साल की सजा सुनाई है। 120B में एक साल की सजा 420 धारा में 3 साल की सजा, 468 में 3 साल और 471 में 2 साल की सजा सुनाई गई है। दोनों को 467 में सबसे अधिक 7 साल की सजा सुनाई गई है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला दिसंबर 2019 में दर्ज हुआ था, जब BJP विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई। आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने अपनी उम्र छिपाने के लिए दो अलग-अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए। एक पैन कार्ड में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज थी, जिसका इस्तेमाल आयकर रिटर्न और बैंक खातों के लिए किया गया। वहीं, दूसरे पैन कार्ड में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 बताई गई, जिसे 2017 के स्वार-तांडा विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान इस्तेमाल किया गया।
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आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चला। अभियोजन पक्ष का दावा था कि यह सब पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा था, ताकि अब्दुल्ला चुनाव लड़ सकें, जबकि उनकी वास्तविक उम्र के कारण वे अयोग्य थे। जांच के बाद पुलिस ने अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, और आजम खां को सह-अभियुक्त बनाया गया।
अदालत का फैसला और तत्काल कार्रवाई
सोमवार को रामपुर कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों को दोषी करार दिया गया। सजा सुनते ही आजम खां और अब्दुल्ला को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। कोर्ट ने सजा के समज पर बहस पूरी होने के बाद 7 साल की कैद का फैसला सुनाया, जो इस मामले में अधिकतम सजा के बराबर है। शिकायतकर्ता BJP विधायक आकाश सक्सेना भी अदालत में मौजूद थे और उन्होंने इसे "न्याय की जीत" बताया।
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आजम खां को 23 सितंबर 2025 को सितापुर जेल से जमानत पर रिहा किया गया था, जहां वे अन्य मामलों में सजा काट रहे थे। लेकिन इस नए फैसले से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब वे अपील दायर कर सकते हैं, लेकिन तब तक जेल जाना तय माना जा रहा है।
आजम खां पर 104 मुकदमे
सपा नेता आजम खान पर कुल 104 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 11 का फैसला हो चुका है, जिसमें 6 में दोषसिद्धि और 5 में बरी होना शामिल है। हाल ही में 11 नवंबर को ही रामपुर कोर्ट ने उन्हें 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में बरी कर दिया था। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र फर्जीवाड़ा, भूमि हड़पने और डुंगरपुर बस्ती विध्वंस जैसे मामलों में वे पहले ही 7-10 साल की सजाएं काट चुके हैं।
(Note: यह एक ब्रेकिंग स्टोरी है। अधिक जानकारी के साथ अपडेट हो रही है)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 17 November 2025 at 15:04 IST