अपडेटेड 28 August 2024 at 23:40 IST

दिल्ली हाईकोर्ट का CBI को आदेश, वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में लड़कियों की उम्र का लगाएगी पता

आरोप है कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित आश्रम में कई महिलाओं और लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है। विश्वविद्यालय में रहने वाले कुछ लोग नाबालिग है।

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Delhi High Court
Delhi High Court | Image: X

Delhi News: 2017 में दिल्ली के रोहिणी में हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस और महिला आयोग ने एक आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में छापा मारा था। इस विश्वविद्यालय के अंदर की हालत को देख सब चौंक गए थे। आरोप है कि स्वयंभू बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित ने सैकड़ों लड़कियों को जबरन बंधक बना रखा था। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI को फरार आध्यात्मिक उपदेशक वीरेंद्र देव दीक्षित के संचालित आश्रम में रहने वाली लड़कियों की उम्र की पुष्टि करने का निर्देश दिया है।

आरोप है कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित आश्रम में कई महिलाओं और लड़कियों को कथित तौर पर बंधक बनाकर रखा गया है। कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी को शक है कि रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में रहने वाले कुछ लोग नाबालिग हैं। दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। एक याचिका पीड़ित महिला की मां की ओर से दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता की बेटी कुछ लोगों के प्रभाव में आकर आश्रम में रह रही है। दूसरी याचिका एक बुजुर्ग दंपति की ओर से दायर की गई है।

बेटी को गुमराह करने का आरोप

याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनकी उच्च शिक्षित बेटी को गुमराह करके आश्रम में रहने के लिए मजबूर किया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ दुष्कर्म के गंभीर आरोपों के चलते CBI से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। CBI के वकील ने कहा था कि स्वयंभू बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ कथित दुष्कर्म के आरोपों को लेकर 2 एफआईआर दर्ज की गई हैं। आरोपी स्वयंभू बाबा को पकड़ने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई दिसंबर के लिए तय की है।

कौन है वीरेंद्र देव दीक्षित

कथित बाबा के खिलाफ पहला यौन शोषण का आरोप कोलकाता में लगा था। एक पीड़ित पिता ने स्वयंभू बाबा पर रेप केस दर्ज करवाया था। वीरेंद्र देव दीक्षित का जन्म यूपी के फर्रुखाबाद में हुआ था। उसकी अपने पिता के साथ नहीं बनती थी और मां की मौत के बाद वो अहमदाबाद चला गया था। यहां उसकी जान पहचान ब्रह्माकुमारी से हुई और फिर वो माउंट आबू में ब्रह्माकुमारी के मुख्य आश्रम चला गया।

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ब्रह्माकुमारी आश्रम के फाउंडर लेखराज कृपालिनी की मौत हुई तो स्वयंभू बाबा ने दावा कि उसके अंदर कृपालिनी की आत्मा है। धीरे-धीरे वो खुदको भगवान कृष्ण और शिव का अवतार बताने लगा। उसकी ऐसी हरकतें देख ब्रह्माकुमारी से जुड़े लोगों ने विरोध किया। वीरेंद्र देव दीक्षित ने अपने पिता की मौत के बाद अपने गांव में पहला आध्यात्मिक विश्वविद्यालय बनाया था। वो खुदको बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित करने लगा और धीरे-धीरे उसके फॉलोवर बढ़ने लगे। अब उसके आश्रम कोलकाता, दिल्ली, जम्मू और कर्नाटक समेत देश के कई हिस्सों में हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 28 August 2024 at 23:40 IST