अपडेटेड 28 February 2024 at 23:31 IST
Delhi से बड़ी खबर, नरेला में BJP की महिला कार्यकर्ता की हत्या; 3 दिनों से थी लापता
Delhi News: दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी मिल रही है कि नरेला में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या की गई है।
- भारत
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Delhi News: दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी मिल रही है कि नरेला में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या की गई है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, युवती को उसके ऑफिस में मारा गया।
मामले में ट्विस्ट तब आया जब पुलिस हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग को वजह मानते हुए जांच कर रही थी और तभी खबर आई कि युवती की हत्या के आरोपी और उसके दोस्त ने आत्महत्या कर ली है। आपको बता दें कि युवती 3 दिनों से लापता बताई जा रही थी।
राजीव गांधी की हत्या के दोषी संथन की मौत
वहीं, एक अन्य मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए संथन की दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को मौत हो गयी। सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। संथन को उच्चतम न्यायालय ने बाद में रिहा कर दिया था।
संथन उर्फ टी. सुतेनदिराराजा (55) एक श्रीलंकाई नागरिक था और उन सात लोगों में से एक था जिसे 1991 में चेन्नई के समीप श्रीपेरुम्बदूर में पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के जुर्म में 20 वर्ष से ज्यादा की जेल की सजा काटने के बाद 2022 में उच्चतम न्यायालय ने रिहा कर दिया था।
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राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल के डीन ई थेरानिरजन ने बताया कि संथन की मौत सुबह सात बजकर 50 मिनट पर हुई। संथन का यकृत खराब था और उसका उपचार किया जा रहा था। थेरानिराजन ने संवाददाताओं से कहा कि संथन को बुधवार तड़के करीब चार बजे दिल का दौरा पड़ा, इसके बाद उसे सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया गया और वेंटिलेटर पर रखा गया था।
उन्होंने कहा कि संथन पर उपचार का कोई असर नहीं हुआ और आज (बुधवार) सुबह सात बजकर 50 मिनट पर उसकी मौत हो गई। डीन ने कहा कि संथन को 27 जनवरी को यकृत खराब होने के कारण तिरुचिरापल्ली के एक विशेष शिविर से यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था। संथन को रिहाई के बाद से तिरुचिरापल्ली के एक विशेष शिविर में रखा गया था।
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संथन के वकील एस. पुगाझेंथी ने कहा कि प्राधिकारियों ने पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया है और उसके शव को श्रीलंका ले जाने के लिए कदम उठाए गए हैं। पुगाझेंथी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘वह अपनी मां से मिलना चाहता था लेकिन दुर्भाग्य से उसकी इस इच्छा को पूरा नहीं किया जा सका। अगर प्राधिकारी उसे श्रीलंका प्रत्यर्पित करने के उसके अनुरोध पर त्वरित कार्रवाई करते तो कम से कम संथन अपनी मां से मिल पाता।’’
यह पूछने पर कि संथन ने चिकित्सीय सलाह के बावजूद यकृत बायोप्सी कराने से इनकार क्यों कर दिया था, इस पर वकील ने कहा कि संथन चाहता था कि जाफना पहुंचने के बाद यह सर्जरी की जाए।
पुगाझेंथी ने संथन के बायोप्सी कराने से इनकार की डॉ. थेरानीराजन की पूर्व की टिप्पणी के संदर्भ में कहा, ‘‘उसने कहा था कि अगर उसकी मां तथा करीबी सगे रिश्तेदार आसपास हो तो वह यह कराने में सुरक्षित महसूस करेगा। और मुझे लगता है कि उसका सोचना सही था। इसलिए मुझे यहां बायोप्सी से इनकार करने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना पड़ा था।’’
(इनपुटः PTI)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 28 February 2024 at 22:47 IST