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Published 13:41 IST, September 21st 2024

Delhi HC ने रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की याचिका पर पुलिस-MCD से मांगा जवाब, 14 अक्टूबर को अगली सुनवाई

याचिकाकर्ता विक्रेताओं ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से मदनगीर में ‘शीतला माता मार्केट’ में दुकानदारी कर रहे हैं। उनके ठेले या अर्ध-स्थायी दुकानों को कथित तौर पर उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना 30 जुलाई को हटा दिया गया।

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Delhi High Court
दिल्ली हाई कोर्ट | Image: PTI

Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने यहां एक बाजार में 45 रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की अर्ध-स्थायी दुकानों को हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और पुलिस से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति विभु बाखरू और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने याचिका पर एमसीडी, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया तथा उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख तय की है।

रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की याचिका पर सुनवाई

याचिकाकर्ता विक्रेताओं ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से दक्षिण दिल्ली के मदनगीर में ‘शीतला माता मार्केट’ में दुकानदारी कर रहे हैं और उनके ठेले या अर्ध-स्थायी दुकानों को कथित तौर पर उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर 30 जुलाई को हटा दिया गया।

विक्रेताओं की ओर से पेश वकील संजय बनिवाल और मनीषा ने मूल स्थान पर दुकान पुन: लगाने के लिए निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया।

याचिकाकर्ताओं ने की ये मांग

बनिवाल ने कहा कि रेहड़ी-पटरी दुकानदार (आजीविका संरक्षण एवं रेहड़ी-पटरी विक्रेता गतिविधि विनियमन) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किसी भी ध्वस्तीकरण अभियान से पहले याचिकाकर्ताओं को 30 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए था।

याचिकाकर्ताओं ने अंतरिम उपाय के तौर पर अदालत से एमसीडी और पुलिस को उन्हें बाजार में उनके स्थान पर रेहड़ी-पटरी लगाने से न रोकने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 13:41 IST, September 21st 2024