अपडेटेड 9 July 2025 at 17:00 IST

दंतेवाड़ा पुलिस के 'लोन वर्राटू' अभियान को बड़ी सफलता, माओवादी दंपति सहित 12 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण; अब तक 1005 मुख्यधारा में लौटे

छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सल उन्मूलन अभियान में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। बुधवार को माओवादी दंपति सहित 12 माओवादियों के आत्मसमर्पण के साथ ही जिले में आत्म समर्पित नक्सलियों की संख्या 1000 के रिकार्ड स्तर तक पहुंच चुकी है।

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12 Maoists including a Maoist couple surrendered
12 Maoists including a Maoist couple surrendered | Image: Republic

‘Loan Varratu’ campaign: दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सल उन्मूलन अभियान में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। बुधवार को माओवादी दंपति सहित 12 माओवादियों के आत्मसमर्पण के साथ ही जिले में आत्म समर्पित नक्सलियों की संख्या 1000 के रिकार्ड स्तर तक पहुंच चुकी है। जून 2020 में शुरू हुए इस अभियान के अंतर्गत अब तक 1005 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

छत्तीसगढ़ शासन की पुर्नवास नीति के तहत जिले में आत्मसमर्पित, गिरफ्तार माओवादी और मुखबिरों से क्षेत्र में सक्रिय माओवादियों के संबंध में गहन पूछताछ कर नक्सल प्रोफाईल तैयार किया गया। जिसके बाद थानावार माओवादियों की सूची बनाकर थाना /कैम्पों एवं ग्राम पंचायतों में संबंधित क्षेत्र के सक्रिय ईनामी माओवादियों के नाम चस्पा कर लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान माह जून 2020 से चलाया जा रहा है। दन्तेवाड़ा पुलिस ने माओवादी संगठन में सक्रिय माओवादियों से आत्मसमर्पण कर सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने के लिये लगातार आह्वान कर अपील किये जाने पर दिनांक 18.06.2025 तक जिला व सीमावर्ती जिलों सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में कार्यरत कुल 993 माओवादियों के द्वारा आत्मसमर्पण कर जीवन के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

माओवादी दंपति सहित 12 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

बुधवार  को 28,50,000 रुपए के 9 ईनामी माओवादियों सहित कुल 12 माओवादियों ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपना विश्वास जाहिर करते हुए समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए इच्छा जाहिर की, जिसका स्वागत करते हुए इन्हें आत्मसमर्पण कराया गया। इसके साथ ही दंतेवाड़ा पुलिस की लोन वर्राटू अभियान ने 1000 आत्मसमर्पण का आंकड़ा पार कर लिया है। यह उपलब्धि शासन की दूरदर्शी नीतियों, सुरक्षा बलों की सतत कार्यवाही, और स्थानीय समुदायों के विश्वास को दर्शाता है। यह माओवाद की विचारधारा से भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में लौटाने के लिए सरकार और प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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प्रशासन की प्रतिबद्धता से मुख्यधारा की ओर लौट रहे माओवादी

माओवादी संगठन का लगातार कमजोर होना, विचारधारा में गिरावट और आंतरिक संघर्ष, शासन की पुनर्वास, सुरक्षा और विकास योजनाओं का जमीनी स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन, जिससे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में विश्वास बढ़ा है संगठन के भीतर शोषण, भेदभाव और हिंसा से मोहभंग, जंगलों में लगातार चल रहे सुरक्षा बलों के अभियानों और रणनीतिक घेराबंदी, परिवार से जुड़ाव और शांति की चाह ने सक्रिय माओवादियों को समाज की मुख्यधारा की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया है।

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लोन वर्राटू अभियान के तहत 1005 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

इन माओवादियों को आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी/बस्तर फाईटर्स, आसूचना शाखा दन्तेवाड़ा, आरएफटी (आसूचना शाखा) दन्तेवाड़ा, 111वीं वाहिनी सीआरपीएफ एवं 241वीं वाहिनी सीआरपीएफ बस्तर का विशेष योगदान रहा। आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास नीति के तहत 50 हजार रूपये की सहायता राशि के साथ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधायें जैसे स्किल डेवलपमेंट हेतू प्रशिक्षण, कृषि भूमि इत्यादि मुहैया कराई जाएगी। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 249 ईनामी सहित कुल 1005 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं। 

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 9 July 2025 at 17:00 IST