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Published 21:28 IST, October 12th 2024

हर 8 में 1 बच्ची शिकार, 18 साल से कम उम्र में 37 करोड़ लड़कियां यौन हिंसा और रेप से पीड़ित- UNICEF

Sexual Violence: UNICEF की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 37 करोड़ यानि हर 8 में से 1 बच्ची, जिसकी उम्र 18 साल से कम है, यौन हिंसा और रेप से पीड़ित है।

Reported by: Kanak Kumari Jha
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Indore Gang rape
18 साल से कम उम्र की 37 करोड़ लड़कियां यौन हिंसा की शिकार: UNICEF | Image: Freepik

Sexual Violence against Minor Girls: महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके आंकड़े बिल्कुल हैरान कर देने वाले हैं। UNICEF की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 370 मिलियन यानि 37 करोड़ से अधिक लड़कियां और महिलाएं, या फिर यूं कहें कि 8 में से 1 लड़की, जिसकी उम्र 18 साल से कम है, वो रेप या यौन उत्पीड़न का शिकार बन चुकी हैं।

बच्चियों के खिलाफ यौन हिंसा को लेकर इस रिपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस से पहले प्रकाशित किया गया है। यह रिपोर्ट इस बात को जाहिर करता है कि दुनिया भर में महिलाओं, खास तौर पर नाबालिग लड़कियों के लिए साथ आम जीवन में होने वाली हिंसा का आंकड़ा कितना डराने वाला है। ऑनलाइन या फिर मौखिक रूप से महिलाओं या बच्चियों के साथ होने वाली यौन हिंसा का आंकड़ा वैश्विक स्तर पर 650 मिलियन है। इसका मतलब ये है कि हर 5 में से 1 महिला या फिर बच्ची ऑनलाइन यौन उत्पीड़न की शिकार हुई है।

'अपने रिश्तेदार सबसे ज्यादा बनाते हैं शिकार'

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा, "बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा हमारी नैतिक अंतरात्मा पर एक धब्बा है। अक्सर यौन उत्पीड़न का मामला वहां ज्यादा देखने को मिलता है, जहां अपराधी पीड़िता के घर-परिवार से जुड़ा है। जहां पीड़िता को सबसे सुरक्षित महसूस करना चाहिए, वहां वो सबसे ज्यादा यौन हिंसा की शिकार बनाई जाती है। और इस तरह की घटना पीड़िता के मन पर एक गहरा और कभी ना भरने वाला घाव देकर जाती है।"

अफ्रीका में बच्चियों के साथ हो रही यौन हिंसा सबसे ज्यादा

आंकड़ों से पता चलता है कि बच्चियों के खिलाफ हो रही यौन हिंसा भौगोलिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सीमाओं से परे हर जगह देखने हो रहा है। अफ्रीका में पीड़ितों की संख्या सबसे अधिक है। आंकड़ा देखें तो महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हो रही यौन हिंसा के मामले अफ्रीका में 79 मिलियन यानि 22 फीसदी, इसके बाद पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया में 75 मिलियन यानि 8  फीसदी, मध्य और दक्षिणी एशिया में 73 मिलियन यानि 9 प्रतिशत फीसदी, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में 68 मिलियन यानि 14 प्रतिशत, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में 45 मिलियन यानि 18 फीसदी, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में 29 मिलियन यानि 15 फीसदी और ओशिनिया में 6 मिलियन यानि 34 फीसदी हैं।

युद्ध क्षेत्रों में 4 में से एक बच्ची के साथ हो रहा बलात्कार या यौन उत्पीड़न

कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा, "कमजोर संस्थाओं, संयुक्त राष्ट्र शांति सेना या राजनीतिक या सुरक्षा संकटों की वजह से बड़ी संख्या में आने वाले शरणार्थियों में, बच्चियों और लड़कियों को और भी अधिक खतरे का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों में बचपन में 4 में से एक बच्ची को बलात्कार और यौन उत्पीड़नका शिकार बनना पड़ता है। हम युद्ध क्षेत्रों में भयानक यौन हिंसा देख रहे हैं, जहां बलात्कार और लिंग आधारित हिंसा को अक्सर युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।"

डेटा के अनुसार, बचपन में होने वाली अधिकांश यौन हिंसा किशोरावस्था यानि 14 से 17 साल की उम्र के बीच काफी ज्यादा होती है। रिसर्च स्टडी की मानें तो संभव है कि यौन हिंसा का अनुभव करने वाली पीड़िता को बार-बार इस तरह की घटना का शिकार होना पड़ता है। इसकी संभावना और ज्यादा होती है।

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Updated 21:33 IST, October 12th 2024