अपडेटेड 31 May 2025 at 11:04 IST
4 साल से पाकिस्तान के लिए जासूसी, कासिम के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असीम को धरा; देश के भीतर जारी खास ऑपरेशन
Pakistani Spy: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जासूसी कांड में राजस्थान से पकड़े गए कासिम के भाई असीम को भी अब गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि असीम पिछले लगभग 4 साल से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। दिल्ली पुलिस पूछताछ के जरिए और भी जरूरी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है।
- भारत
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Rajasthan News: पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद अब सुरक्षा एजेंसियां भारत के भीतर बैठे दुश्मनों को ढूंढने के लिए खास ऑपरेशन चला रही हैं। इसी क्रम में पिछले दिनों राजस्थान से एक कासिम नाम के युवक को पकड़ा गया था। उसके हैरान करने वाले कथित खुलासों के बाद अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने असीम उर्फ हसीन को पकड़ लिया है। असीम पहले पकड़े गए कासिम का भाई है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कासिम के भाई असीम को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस की टीम शुक्रवार को राजस्थान के डीग के लिए रवाना हुई थी, क्योंकि कासिम और उसका भाई असीम दोनों वहीं रहते थे। आरोप है कि असीम पिछले तकरीबन 4 साल से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। स्पेशल सेल ने अब असीम के फोन के डेटा को रिट्रीव कराने के लिए लैब में भेजा है, ताकि असीम की व्हाट्सएप चैट और डेटा निकाला जा सके और ये पता लगाया जा सके कि असीम ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर को क्या क्या जानकारी भेजी थी।
कासिम के कबूलनामे के बाद असीम की गिरफ्तारी
जानकारी के मुताबिक, कासिम के परिजनों के बयान दर्ज किए गए। पूछताछ में मिली लीड के बाद राजस्थान से ही कासिम के भाई असीम उर्फ हसीन को हिरासत में लिया गया। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम अब असीम उर्फ हसीन से पूछताछ कर रही है और ISI नेटवर्क को खंगाल रही है। सू्त्रों के हवाले से शुक्रवार को जानकारी आई कि कासिम ने पूछताछ में बताया कि असीम ने ही कासिम की पहचान ISI से करवाई थी। कासिम ने पूछताछ में बताया था कि जब वो पाकिस्तान गया था तो वहां पर उससे कहा गया था कि तुम्हारा भाई तो पहले से हमारे लिए काम करता है, तुम भी हमारे लिए काम करो। इसी वजह से पुलिस ने असीम को जांच में शामिल किया है।
कासिम को लेकर हुए चौंकाने वाले खुलासे
सूत्रों ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया कि कासिम ने पाकिस्तान जाकर लाहौर के आर्मी कैंप में ट्रेनिंग ली थी। अहम ये कि ट्रेनिंग देने वाले अधिकारी ISI (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) के थे। सामने आया है कि 2 ISI अधिकारियों का कोड नेम शाह जी और ताऊजी था, जो ट्रेनिंग देने में शामिल थे, जबकि एक ISI अधिकारी की पहचान वकास के तौर हुई। कासिम को लेकर खुलासा हुआ है कि उसे जासूसी के बदले पाकिस्तान से अलग अलग किश्तों में करीब 2 लाख रुपये (पाकिस्तानी करेंसी) अब तक मिल चुके हैं।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 31 May 2025 at 11:04 IST