अपडेटेड 1 July 2025 at 18:13 IST
ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को एक और बड़ी सफलता मिली है। एनसीबी की कोचीन जोनल यूनिट ने डार्कनेट के जरिए देशभर में साइकेडेलिक ड्रग्स की आपूर्ति करने वाले भारत के सबसे सक्रिय और हाई-प्रोफाइल सिंडिकेट ‘Ketamelon’ का भंडाफोड़ कर दिया है। इस ऑपरेशन को ‘MELON’ कोडनेम दिया गया था, जो एक विस्तृत खुफिया निगरानी और ऑपरेशनल कार्रवाई का नतीजा है।
एनसीबी ने 28 जून 2025 को कोचीन में तीन डाक पार्सलों से 280 एलएसडी ब्लॉट्स को जब्त किया था, जो Ketamelon द्वारा बुक कराए गए थे। अगली ही सुबह छापेमारी में उसके घर से 847 और एलएसडी ब्लॉट्स, 131.66 ग्राम केटामाइन, डार्कनेट एक्सेस के लिए उपयोग किया जाने वाला बूटेबल ऑपरेटिंग सिस्टम (KITES OS), कई क्रिप्टो वॉलेट्स, हार्ड डिस्क और लगभग 70 लाख रुपये मूल्य की USDT क्रिप्टो करेंसी वाला हार्डवेयर वॉलेट भी बरामद किया गया।
जांच में खुलासा हुआ है कि Ketamelon भारत का इकलौता 'Level 4' डार्कनेट ड्रग विक्रेता था। लेवल 4 रैंकिंग भारत में डार्कनेट ड्रग विक्रेताओं में उच्चतम मानी जाती है। Ketamelon बीते दो वर्षों से सक्रिय था और उसने अपने नाम की शुरुआत Ketamine की तस्करी से की थी। उसके नेटवर्क की पहुंच बेंगलुरु, चेन्नई, भोपाल, पटना, दिल्ली से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड तक थी। बीते 14 महीनों में वह 600 से ज्यादा शिपमेंट कर चुका था।
Ketamelon मुख्य रूप से ‘Gunga Din’ नाम के यूके स्थित विक्रेता से ड्रग्स मंगवाता था, जो ग्लोबली कुख्यात LSD सप्लायर 'Dr. Seuss' (a.k.a. DS या Tribe Seuss) से जुड़ा हुआ है।
एलएसडी (LSD) एक साइकेडेलिक ड्रग है, जिसे लोग “एसिड”, “ब्लॉट्स”, “स्टैम्प्स” आदि नामों से जानते हैं। यह गंधहीन, रंगहीन और स्वादहीन होती है। इसे अक्सर कागज की छोटी शीट्स पर लगाया जाता है जिसे चाटकर या निगलकर सेवन किया जाता है। इसका प्रभाव व्यक्ति की धारणाओं को बदल देता है—लोग रंगों की आवाजें 'सुनने' या ध्वनियों को 'देखने' का अनुभव करते हैं। जब्त की गई एलएसडी की स्ट्रीट वैल्यू ₹35.12 लाख आंकी गई है, एक ब्लॉट की कीमत ₹2,500 से ₹4,000 तक होती है।
इससे पहले 2023 में एनसीबी ने डार्कनेट आधारित अब तक के सबसे बड़े LSD सिंडिकेट ‘Zambada’ को तोड़ा था, जिसमें 29,013 एलएसडी ब्लॉट्स, 472 ग्राम MDMA, ₹51.38 लाख नकद और 14 गिरफ्तारियां हुई थीं। Zambada का संचालन दिल्ली-एनसीआर से होता था और उसे भारत में 5-स्टार रेटिंग प्राप्त थी।
एनसीबी ने इस ऑपरेशन को 'ड्रग-फ्री इंडिया' के विजन की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि नशे के खिलाफ लड़ाई में सहयोग दें और किसी भी प्रकार की जानकारी राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन (टोल-फ्री नंबर - 1933) पर साझा करें। कॉल करने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है।
पब्लिश्ड 1 July 2025 at 18:13 IST