अपडेटेड 24 June 2025 at 20:17 IST
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव से एक बेहद शर्मनाक और जातीय हिंसा से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां एक यादव कथा वाचक के साथ ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने न सिर्फ मारपीट की, बल्कि सार्वजनिक रूप से अपमानित भी किया। घटना 22 जून की है, लेकिन इसका वीडियो अब सामने आया है, जिसमें कथावाचक मुकुट मणि और उनके एक साथी को भीड़ द्वारा पीटा जा रहा है, सिर मुंडवाया जा रहा है, और अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है।
इटावा का एक शांत गांव दादरपुर, जहां हर साल भव्य भागवत कथा का आयोजन होता है। इस बार कथा का आमंत्रण मिला था मुकुट मणि सिंह यादव को एक युवा लेकिन गहरे श्रद्धावान कथा वाचक, जिनकी आवाज और व्याख्यान ने अब तक कई गांवों को आध्यात्मिक अनुभव से भर दिया था। मूलतः कानपुर निवासी मुकुट मणि, इन दिनों इटावा के राजा का बाग, सिविल लाइन्स में रहते हैं। उनके साथ संत सिंह यादव (अछल्दा औरैया) और श्याम कठेरिया (बकेवर) जैसे सहयोगी भी हैं, जो मिलकर भागवत पाठ करते हैं। कथा का आयोजन 21 से 27 जून तक होना था, आयोजनकर्ता थे पप्पू बाबा, गांव के सम्मानित व्यक्ति। कथा का पहला दिन श्रद्धा और भक्ति से भरा रहा। पर जैसे ही रात ढली और भोजन का समय आया, एक अप्रत्याशित सवाल ने सन्नाटा फैला दिया।
'तुम किस जाति के हो?' पप्पू बाबा ने भोजन के बीच मुकुट मणि से यह सवाल किया। इस सवाल के जवाब में कथावाचक मुकुट मणि ने सहजता से उत्तर दिया 'मैं यादव बिरादरी से हूं।' यह सुनते ही वातावरण बदल गया। पप्पू बाबा का चेहरा तमतमा उठा। उन्होंने आरोप लगाया 'तुम दलित हो, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ब्राह्मणों के गांव में भागवत कथा करने की?' यह कथावाचक के लिए सिर्फ अपमान नहीं था, बल्कि धर्म और जाति के नाम पर फैलती विडंबना का जिंदा उदाहरण भी। कथा कहने के बदले कथावाचक के साथ अमानवीयता की गई मुकुट मणि के साथ वहां के स्थानीय ब्राह्मणों ने बहुत बुरा बर्ताव किया।
कथावाचक मुकुट मणि का साफ आरोप है कि यह हमला जातीय आधार पर किया गया। उन्होंने कहा कि केवल यादव होने के कारण उन्हें और उनके साथियों को निशाना बनाया गया, जबकि वे धार्मिक आयोजन के लिए गांव में आमंत्रित किए गए थे। वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और अन्य की तलाश जारी है। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और अन्य धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
कथावाचक मुकुटमणि ने पुलिस को दिए बयान में बताया, 'पप्पू बाबा के नेतृत्व में अतुल, डीलर, मनीष और लगभग 50 अज्ञात लोगों ने मुझे लात-घूंसों, जूतों और चप्पलों से पीटा। गांववालों के सामने मेरा सिर जबरन मुंडवाया गया। जो महिला यजमान बनी थी परीक्षित, उसके पैरों में नाक रगड़वाई गई।' उन्होंने आगे कहा,'गांव के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के जूतों पर सिर रखकर मुझसे माफी मंगवाई गई। मेरे 25 हजार रुपये नकद और एक सोने की चेन छीन ली गई। मेरा सारा सामान अभी भी उनके कब्जे में है। अंत में मुझे बेइज्जत करके गांव से भगा दिया गया।'मुकुटमणि का आरोप है कि सिर्फ 'यादव जाति का होकर ब्राह्मणों के गांव में भागवत कथा पढ़ने की जुर्रत' करने पर ही उसे निशाना बनाया गया। ये हमला न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से अपमानजनक था। यह घटना गांव के दर्जनों लोगों की मौजूदगी में हुई, जिसने नफरत की खतरनाक पराकाष्ठा को उजागर कर दिया।
वीडियो वायरल होने और पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य अज्ञात हमलावरों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच तेज कर दी है और पीड़ित को सुरक्षा देने की बात भी कही है। भागवत कथा के दौरान जाति आधारित अपमान और कथावाचक के प्रति की गई अभद्रता अब कानूनी मोड़ ले चुकी है। मामले की गंभीरता को समझते हुए एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बकेवर थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
पब्लिश्ड 24 June 2025 at 20:17 IST