अपडेटेड 16 July 2024 at 20:21 IST
Delhi Crime News: हाशिम बाबा और छेनू गैंग में छिड़ी जंग, GTB में कैसे तीसरे को मार डाला, पूरी कहानी
जीटीबी अस्पताल में रियाजुद्दीन पर हमले के बाद पुलिस ने चार शूटरों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है। इनके नाम फैज और फरहान हैं जिन्होंने कई राज खोले हैं।
- भारत
- 4 min read

Delhi Gangwar: पिछले दिनों दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल (GTB Hospital) में वार्ड (Ward) के अन्दर रियाजुद्दीन नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी गई। बाद में ये खबर आती है कि हत्यारे किसी और को मारने के लिए आए थे लेकिन मार किसी और को गए। सूत्रों की मानें तो ये हत्या दिल्ली (Delhi) के यमुनापार के दो गैंगों में चल रही गैंगवार का नतीजा थी। हाशिम बाबा गैंग (Hashim Baba Gang) और वसीम (Wasim) के बीच काफी दिनों से रंजिश थी वसीम यमुनापार का एक उभरता हुआ गैंगस्टर (Wasim) है, जो छेनू पहलवान (Chenu Pahalwan) का नजदीकी है।
पुलिस का दावा है कि हाशिम बाबा के गुर्गे वसीम की हत्या करने के लिए जीटीबी अस्पताल (GTB Hospital) में आए थे, लेकिन उन्होंने धोखे से रियाजुद्दीन को मार दिया। मारे गए शख्स रियाजुद्दीन का इन दोनों गैंग से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था। इस हत्या के बाद एक बार फिर यमुनापार में गैंगवार का खतरा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दोनों ही गैंग काफी खतरनाक सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं। एक तरफ छेनू गैंग जहां नीरज बवाना और भाम्बिया गैंग का हिस्सा है तो वहीं दूसरी तरफ हाशिम बाबा कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Gangster Lawrence Bishnoi Gang) का हिस्सा है।
वर्चस्व को लेकर फिर शुरू हुई गैंगवार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यमुनापार इलाके में हाशिम बाबा गैंग काफी समय से एक्टिव है। इस गैंग का काम लोगों से सुरक्षा के नाम पर पैसों की वसूली करना। पहले ये काम हाशिम बाबा नसीर गैंग के साथ मिलकर करता था। कुछ समय पहले ही हाशिम बाबा नसीर गैंग से अलग हो गया। मौजूदा समय हाशिम बाबा मंडोली जेल में बंद है वसीम भी उसी जेल में था। यहीं पर वसीम ने हाशिम बाबा को जान से मारने की धमकी दी थी। इतना ही नहीं उसने हाशिम बाबा के एक गुर्गे पर हमला भी करवा दिया था। ये हमला हाशिम बाबा गैंग के लिए बड़ी चुनौती थी। बस इसी बात का बदला लेने के लिए हाशिम बाबा ने अप्रैल 2024 में वसीम के जेल से बाहर निकलते ही हाशिम बाबा के गुर्गों ने वसीम को गोली मार दी वसीम के पेट में गोली लगी और वो घायल हो गया। इलाज के लिए वसीम जीटीबी अस्पताल में भर्ती हो गया।
गलतफहमी में मार दी गोली
वहीं छेनू पहलवान गैंग को लेकर भी पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि वो भी जेल में बंद है और जेल से ही अपने गैंग को संचालित कर रहा है। पुलिस सूत्रों ने ये भी बताया कि ऐसा भी हो सकता है कि वसीम को छेनू पहलवान का समर्थन मिल रहा हो और वसीम को आगे कर छेनू पहलवान हाशिम बाबा को निपटाने की साजिश कर रहा हो। पुलिस ने जीटीबी हत्या मामले में हाशिम बाबा के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है। इन गुर्गों ने पुलिस को बताया कि वो वसीम को मारने के लिए अस्पताल आए थे। उसी वार्ड में रियाजुद्दीन भी भर्ती थी जिसके पेट का ऑपरेशन हुआ था। पेट में पट्टी बंधी देख हमलावरों ने रियाजुद्दीन को वसीम समझ लिया और उसे ही गोली मार दी।
Advertisement
पकड़े गए शूटरों ने खोले राज
इस हमले के बाद पुलिस ने चार शूटरों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है। इनके नाम फैज और फरहान हैं। ये दोनों आरोपी सीलमपुर और लेनी के रहने वाले हैं। पुलिसिया पूछताछ में इन दोनों आरोपियों ने बताया कि मार्च में उनके एक साथी पिद्दी पर जेल में वसीम ने हमला करवाया था और हाशिम बाबा को भी हमले की धमकी दी थी। वहीं पर वसीम की भूमिका का खुलासा हुआ। हाशिम बाबा दिल्ली का एक नामी गैंग्स्टर है उसके ऊपर 6 लाख रुपयों का ईनाम था। 2020 में दिल्ली पुलिस ने एक एनकाउंटर में उसे गिरफ्तार किया तब से वो मंडोली जेल में बंद है।
हाशिम बाबा और छेनू पहलवान में है पुरानी अदावत
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हाशिम बाबा और छेनू पहलवान की पुरानी अदावत है। नासिर और हाशिम बाबा जो पहले एक साथ काम करते थे उन्होंने साल 2015 में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में छेनू पहलवान पर गोलियां चलवाईं थीं। इस हमले में छेनू बुरी तरह से घायल हो गया था, लेकिन वो बच गया था। ये दुश्मनी साल 2011 में ही शुरू हो गई थी। इसके पीछे प्रॉपर्टी, एक्सटॉर्शन मनी, सट्टेबाजी और जबरन वसूली मुख्य वजह थी। अब छेनू और बाबा गैंग के बीच दुश्मनी कभी न खत्म होने वाली जंग का रुप एख्तियार कर चुकी है।
Advertisement
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 16 July 2024 at 20:21 IST