अपडेटेड 27 November 2025 at 18:23 IST

व्हाट्सएप पर आया शादी का कार्ड और बैंक खाता हो गया खाली, इस साइबर ठगी से कैसे बचें?

UP News : उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक शख्स को व्हाट्सएप पर शादी का कार्ड मिला। क्लिक करने पर फोन फ्रीज हो गया और खाते से 31 हजार रुपये गायब हो गए।

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Cyber ​​fraud : आज के डिजिटल युग में खुशियां बांटने वाले संदेश भी कभी-कभी जाल बन जाते हैं। उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले के थाना धामपुर क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां डॉ. ओम प्रकाश चौहान को साइबर ठगों ने व्हाट्सएप पर भेजे एक शादी के कार्ड से ठगी का शिकार बनाया है।

साइबर ठगों ने ठगी करने का नया तरीका निकाला है। ठग अब मोबाइल पर लोगों को शादी का डिजिटल कार्ड भेज रहे हैं। उत्सुकता में लोग कार्ड पर क्लिक करते हैं और फिर ठगों के जाल में फंस जाते हैं। इस कार्ड को खोलते ही फोन फ्रीज होता आपके फोन पर ही आपको कोई कंट्रोल नहीं रहा और कुछ ही मिनटों में बैंक खाता खाली हो जाता है।

एक क्लिक पर खाता खाली

धामपुर के रहने वाले डॉ. ओम प्रकाश चौहान के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्हें व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला, जिसमें शादी का डिजिटल कार्ड भेजा गया था। कार्ड में चमकदार डिजाइन, पारंपरिक संगीत और खुशहाल जोड़े की तस्वीरें थीं, जो किसी भी व्यक्ति को तुरंत क्लिक करने पर मजबूर कर देतीं। जैसे ही डॉ. चौहान ने कार्ड खोला, तो उनका मोबाइल फ्रीज हो गया। फोन हैंग हो गया और कोई भी ऐप काम नहीं कर रही थी। इसके कुछ ही मिनटों में उनके बैंक खाते से 31 हजार रुपये गायब हो गए।

APK फाइल ने किया खेल

ओम प्रकाश चौहान ने पहले इसे तकनीकी खराबी समझा, लेकिन जब बैंक से अलर्ट मैसेज आया तो उन्हें पता चला कि खाते से 31 हजार रुपये की निकाले गए हैं। जांच में पता चला कि उन्हें व्हाट्सएप पर जो संदेश आया था, उसमें एक मैलिशियस APK फाइल (एंड्रॉइड पैकेज) छिपी हुई थी, जो क्लिक होते ही फोन को हैक कर लेती है। ठगों ने वायरस के जरिए बैंकिंग ऐप्स एक्सेस कर पैसे ट्रांसफर कर दिए। डॉ. चौहान ने तुरंत थाना धामपुर में शिकायत दर्ज कराई, और साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है।

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इस तरह का ये पहला मामला नहीं है। साइबर ठग इसी तरह हर रोज लोगों को शिकार बनाते हैं। सैकड़ों लोगों को इसी तरह के फर्जी शादी कार्ड भेजे जाते हैं, जिनमें से कई ने क्लिक करके अपने फोन हैक करवा लिए। साइबर अपराधी ऐसे संदेशों को सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर फैलाते हैं, क्योंकि शादी-विवाह जैसे शुभ अवसरों में लोग बिना सोचे-समझे क्लिक कर लेते हैं। इस तरह के संदेश E चालान के नाम से भी आते हैं।

साइबर ठग कैसे काम करते हैं?

ये ठग स्मार्टफोन यूजर्स को निशाना बनाते हैं। वे फर्जी नंबरों या हैक किए अकाउंट्स से मैसेज भेजते हैं। APK फाइल में छिपा वायरस (मैलवेयर) फोन की स्क्रीन लॉक करता है, कैमरा-माइक एक्सेस करता है और बैंकिंग डिटेल्स चुरा लेता है। फिर, पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। ऐसे मामलों में ठग विदेशी सर्वरों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे ट्रेसिंग करना मुश्किल हो जाता है। भारत में साइबर क्राइम की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

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साइबर ठगी से कैसे बचें?

साइबर ठगी से बचना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ी सतर्कता चाहिए। साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी ही सबसे बेहतर है।

  • अगर आपको व्हाट्सएप पर शादी का कार्ड या कोई भी डिजिटल न्योता मिले, तो पहले भेजने वाले से फोन पर कन्फर्म करें। अगर शक हो, तो इस तरह के संदेश को इग्नोर करें। याद रखें, असली न्योते में कभी अनजान APK फाइल नहीं होती।
  • अपने फोन में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू रखें। बैंकिंग ऐप्स और ईमेल में 2FA ऑन करें। इससे पासवर्ड चोरी होने पर भी OTP की जरूरत पड़ेगी, जो ठगी को रोक देगी।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में रखें। पुराने सॉफ्टवेयर में सिक्योरिटी होल्स होते हैं, जिनका फायदा ठग उठाते हैं।
  • व्हाट्सएप या SMS पर संदिग्ध मैसेज मिले तो तुरंत उसकी रिपोर्ट करें। भारत में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
  • बैंक ऐप में ट्रांजेक्शन अलर्ट चालू रखें। छोटी रकम निकलने पर भी नोटिफिकेशन आएगा, तो तुरंत एक्शन ले सकेंगे।
  • परिवार और दोस्तों को ऐसी घटनाओं के बारे में बताएं। APK फाइल को आगे फॉरवर्ड ना करें।

डॉ. ओम प्रकाश चौहान का मामला हमें सिखाता है कि डिजिटल दुनिया में खुशियां बांटने वाले संदेश भी खतरा छिपा सकते हैं। साइबर ठगों को हम अपनी सतर्कता से हरा सकते हैं। अगर आप भी ऐसा कोई संदेश पाते हैं, तो रुकें, सोचें और कार्रवाई करें। याद रखें, एक क्लिक आपकी जिंदगी बदल सकता है, लेकिन सावधानी उसे बचा सकती है। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 27 November 2025 at 18:13 IST