अपडेटेड 29 May 2025 at 11:29 IST

Covid-19: अचानक दो साल बाद कोरोना की फिर कैसी हो गई वापसी, जानें क्या वायरस कभी मरते है या नहीं?

वायरस अपना नया वेरिएंट बनाता है। वैक्सीन की इम्यूनिटी कम होने और लापरवाही से इसे नया वेरिएंट बनाने का मौका मिल जाता है।

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Corona Virus cases in India
भारत में कोरोना वायरस की वापसी | Image: Freepik (AI)

कोराना वायरस ने एक बार फिर दुनिया में दस्तक दे दी है। अमेरिका से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। पूरे दो साल बाद अब कोरोना से लोगों की मौत की भी खबरे आने लगी है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठने लगे है कि क्या कोई वायरस कभी मरते नहीं है? वायरस दोबारा से कैसे एक्टिव हो जाते हैं? आइए जानते हैं कोरोना की अचानक कैसी हुआ वापसी।


साल 2019 में कोरोना नाम का एक वायरस आया था जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। पहली बार भारत ही नहीं दुनिया का तमाम बड़े देशोंं में लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। इस महामारी ने बड़ी संख्या में लोगों की जान भी ली थी। फिर इससे बचाव के लिए कई वैक्सीन बनाए गए। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। धीरे-धीरे यह वायरस भी कमजोर पड़ने लगा। मगर एक बार फिर कोरोना वायरस लौटने लगा है तो लोगों की चिंता बढ़ने लगी है।

क्या वायरस कभी मरता है?

वैज्ञानिक बताते हैं कि कोई भी वायरस मरता नहीं है क्योंकि यह बदलता रहता हैं और इसके कण हवा में ही मौजूद रहते हैं। वायरस कोई प्राणी नहीं होता है मगर वो चालाक बहुत होता है। इंसान की थोड़ी से लापरवाही वायरस को पैर पसारने का मौका दे देती है। वो इंसानों, जानवरों या पौधों की कोशिकाओं के अंदर रहकर अपनी संख्या बढ़ाते हैं। ये अपना होस्ट बदलकर उसकी कोशिकाओं में बढ़ते हैं। म्यूटेट होते है। इसलिए ये खतरनाक होते हैं।


नया वैरिएंट बनाता है वायरस

वायरस अपना नया वेरिएंट बनाता है। वैक्सीन की इम्यूनिटी कम होने और लापरवाही से इसे नया वैरिएंट बनाने का मौका मिल जाता है। अगर किसा वायरस को कोई होस्ट नहीं मिलता, तो वह निष्क्रिय हो सकता है, या खत्म हो सकता है। मगर कुछ वायरस ऐसे होते हैं जो पर्यावरण में हमेशा जीवित रहते हैं। कोरोना ऐसा ही एक वायरस है। यह अपना होस्ट ढूंढकर नए वेरिएंट बना लेता है। अगर ये इंसानों में फैलते रहते हैं, तो ये खत्म नहीं होता है। 

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 कोरोना का नया वैरिएंट कितना खतरनाक

एक्सपर्ट्स की मानें तो इन दिनों कोरोना के जो दो नए वेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 मिले हैं, वो ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स हैं। इनमें कुछ नए म्यूटेशन पाए गए हैं, जिससे यह ज्यादा संक्रामक बन गए हैं। WHO ने फिलहाल इन दोनों ही वेरिएंट्स को फिलहाल Variants of Monitoring यानी निगरानी की श्रेणी में रखा है। मतलब नया वायरस गंभीर या जानलेवा नहीं है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 29 May 2025 at 11:22 IST