अपडेटेड 4 July 2024 at 22:31 IST
अवैध निर्माण के मामलों में ‘मोहरों’ की तरह अदालतों का इस्तेमाल किया जा रहा है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में अवैध और अनधिकृत निर्माणों को लेकर एमसीडी आयुक्त को फटकार लगाई।
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में अवैध और अनधिकृत निर्माणों को लेकर एमसीडी आयुक्त को फटकार लगाई और कहा कि इस प्रक्रिया में अदालतों का इस्तेमाल “मोहरों” के तौर पर किया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ का एक कारण यह है कि अनधिकृत निर्माण के कारण पानी की निकासी अवरुद्ध हो गयी है और उसने नगर निगम प्रमुख से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। पीठ ने कहा कि उसने देखा है कि कुछ वकील भी अनधिकृत निर्माण के मामलों में भयदोहन कर पैसा ऐंठ रहे हैं तथा अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जा रहा है।
हमें इस पूरे मामले में मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है- कोर्ट
पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त से कहा, “हमें इस पूरे मामले में मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। हम इस मिलीभगत को खत्म करना चाहते हैं, यह एक बड़ा गठजोड़ है। व्यवस्था ध्वस्त हो रही है। आप कुछ करें और अपने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।”
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अदालत के निर्देश के अनुपालन में कार्यवाही में डिजिटल माध्यम से शामिल हुए एमसीडी के आयुक्त अश्विनी कुमार को प्रेरित याचिकाएं दायर करने के बारे में अवगत कराया, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि अवैध और अनधिकृत निर्माण का तथ्य विवाद में नहीं है।
पेशेवर लोग अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कई याचिकाएं दायर कर रहे हैं- कोर्ट
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पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता और एमसीडी के अधिकारी अपने परोक्ष उद्देश्यों और धन उगाही के लिए अदालतों का रणनीतिक उपकरण के रूप में उपयोग कर रहे हैं। पेशेवर लोग अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कई याचिकाएं दायर कर रहे हैं। हम एक अजीब स्थिति में फंस गए हैं। अगर हम कार्रवाई करते हैं, तो वे संपत्ति के मालिक से पैसे ऐंठने लगते हैं। अगर हम कार्रवाई नहीं करेंगे तो अनधिकृत निर्माण बना रहेगा।”
अदालत ने कहा, “दिल्ली में बाढ़ इसलिए आई क्योंकि पानी के निकास मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। नालियां जाम हो गई हैं। यह अनधिकृत निर्माणों के कारण हुआ है। सार्वजनिक भूमि और नालों पर मकान और इमारतें बना दी गई हैं, जिससे पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है।”
उसने शहर में हो रहे अनधिकृत निर्माणों के प्रति आंखें मूंद लेने के लिए एमसीडी अधिकारियों पर सवाल उठाया और कहा कि यह अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।
दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी- एमसीडी के आयुक्त
पीठ द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हुए आयुक्त ने अदालत को आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि नगर निगम अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करेगा और उन्हें हटा दिया जाएगा।
अदालत 20 वर्षीय एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यहां पहाड़गंज में एक भूमि पर किए जा रहे अवैध और अनधिकृत निर्माण को रोकने और उसे ध्वस्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
सुनवाई के दौरान एमसीडी के वकील ने दलील दी कि याचिका गलत इरादे से प्रेरित है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 4 July 2024 at 22:31 IST