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अपडेटेड February 16th 2025, 18:04 IST

'प्लेटफॉर्म बदलने से मची भगदड़, दब गए लोग', कुली ने बताया नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का आंखों देखा हाल; कहा- हमने निकाले 15 शव

कुली ने कहा कि स्टेशन पर काफी भीड़ मौजूद थी। ऐसी भीड़ पहले कभी नहीं देखी। अचानक प्लेटफॉर्म बदला गया, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई।

Reported by: Ruchi Mehra
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New Delhi Railway Station Stampede
New Delhi Railway Station Stampede | Image: PTI, X- ANI

New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। वहीं, घायलों का अस्पताल चल रहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हालात कैसे आउट ऑफ कंट्रोल हो गए? भगदड़ मची कैसे? चश्मदीदों की ओर से आंखों देखा हाल बयां किया जा रहा है। इस बीच स्टेशन पर मौजूद कुली ने भगदड़ के पीछे की पूरी कहानी बताई है।

कुली ने कहा कि स्टेशन पर काफी भीड़ मौजूद थी। ऐसी भीड़ पहले कभी नहीं देखी। अचानक प्लेटफॉर्म बदला गया, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने इस दौरान पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए हैं।

कुली ने बताया कैसे मची भगदड़?

भगदड़ को लेकर एक कुली ने बताया, "मैं साल 1981 से कुली का काम कर रहा हूं। मैंने इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी। प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन इसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया। जब प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रही भीड़ और बाहर के लोग प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। तभी लोग टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिरने लगे।"

‘हमने 15 शवों को निकालकर एंबुलेंस में डाला’

उन्होंने आगे बताया कि भीड़ को रोकने के लिए कई कुली वहां जमा हो गए। रास्ता ब्लॉक करके लाशों को निकाला। हमने कम से कम 15 शवों को उठाकर एम्बुलेंस में डाला।

कुली ने बताया कि भगदड़ के बाद प्लेटफॉर्म पर सिर्फ जूते और कपड़े थे। लोग नीचे दब गए थे। इसके बाद हमारी हालात खराब हो गई थी। हमने खाना भी नहीं खाया। कुली भाइयों ने 3 घंटे तक इतनी मदद की। पुलिस ने भी मदद नहीं की। प्रशासन से हमने पुलिस बुलाने को कहा। दमकल की गाड़ियां आई। इसके बाद 3-4 एंबुलेंस आईं और फिर लोगों को अस्पताल लेकर जाया गया। 

‘जब भीड़ हद से ज्यादा हो गई, तो…’

भगदड़ की घटना पर एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "भीड़ हद से ज्यादा थी। लोग (फुटओवर) ब्रिज पर जमा थे... इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने रेलवे स्टेशन पर इतनी बड़ी भीड़ पहले कभी नहीं देखी, त्योहारों के दौरान भी नहीं। प्रशासन के लोग और NDRF के जवान भी वहां मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ हद से ज्यादा हो गई, तो उन्हें नियंत्रित करना संभव नहीं था।"

‘आधे घंटे बाद मिली बहन, तबतक उसकी मौत हो गई’

दर्दनाक हादसे में अपनी बहन को खोने वाले शख्स ने कहा, "हम 12 लोग महाकुंभ जा रहे थे। हम प्लेटफॉर्म पर भी नहीं पहुंचे थे, बल्कि सीढ़ियों पर थे। मेरी बहन सहित मेरा परिवार भीड़ में फंस गया था। हमने उसे आधे घंटे बाद पाया और तब तक वह मर चुकी थी।"

पूरी घटना पर डीसीपी रेलवे केपीएस मल्होत्रा का भी बयान आया है। उन्होंने  कहा कि हमें भीड़ की उम्मीद थी, लेकिन यह सबकुछ ही समय में हुआ और इसलिए यह स्थिति उत्पन्न हुई। रेलवे द्वारा तथ्यों की जांच की जाएगी। जांच के बाद, हम घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएंगे।

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पब्लिश्ड February 16th 2025, 08:49 IST