अपडेटेड 16 January 2025 at 20:34 IST

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर SC पहुंची कांग्रेस तो मौलाना रशीदी की खिली बांछें, कहा- उन्हें मुबारक, इसका असर दिल्ली...

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के जरिए एक अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है जिसमें प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का बचाव किया गया है।

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Maulana Sajid Rashidi
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर SC पहुंची कांग्रेस तो मौलाना रशीदी की खिली बांछें | Image: Republic

Places of Worship Act 1991: प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 मामले पर कांग्रेस (Congress) पार्टी  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) के जरिए एक अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है जिसमें प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का बचाव किया गया है। मामले पर सुनवाई 17 फरवरी को होनी है। 

अर्जी में कांग्रेस ने कहा है कि ये कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जरूरी है। इसमें किसी तरह का बदलाव सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को खतरे में डाल सकता है। इससे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हो सकता है। इस एक्ट की परिकल्पना 1991 से पहले की गई थी। इसे कांग्रेस के तत्कालीन संसदीय चुनावों के लिए चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा बनाया गया था। 0संसद ने ये कानून इसलिए पारित किया क्योंकि ये भारतीय जनता के जनादेश को दर्शाता है।

प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पार्लियामेंट से पास हुआ एक कानून- साजिद रशीदी

कांग्रेस के इस कदम पर मौलाना साजिद रशीदी ने कांग्रेस को मुबारकबाद दी है। उन्होंने कहा कि 1991 का प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पार्लियामेंट से पास हुआ एक कानून है, 1991 में पास हुआ और उसमें तय किया गया 1947 के अंदर किसी भी धर्म की इबादतगाह का जिस हाल में है वह उसी हाल में रहेंगे। बाबरी मस्जिद के अलावा किसी को छेड़ा नहीं जाएगा, किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी और किसी पर दावा भी नहीं किया जाएगा। बल्कि उसके अंदर तो यह भी है कि जो दावा करें उसे पर भी कहीं ना कहीं फाइन लगेगा और इसमें एक बात और तय हुई थी जो जज इन केस को सुनेंगे उन पर भी फाइन लगना चाहिए लेकिन जब कानून बनाकर वापस आया उसमें जजों की बात नहीं थी।

कांग्रेस प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट, उन्हें मुबारकबाद-  साजिद रशीदी

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मौलाना रशीदी ने कहा कि कांग्रेस प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई है तो यह उसका संवैधानिक अधिकार है। इसमें ना तो हिंद- मुस्लिम की बात है, ना ही कोई तुष्टिकरण की बात है, ना ऐसा है कि कांग्रेस के लोग अब हिंदू नहीं रहे या वह सनातन का अपमान करना चाहते हैं। हर चीज को सनातन के अपमान से जोड़कर क्यों देखा जाता है? जो भी कोई बयान आता है, जो भी कोई मामला आता है विपक्ष की तरफ से उसको हमेशा सनातन से जोड़कर देखा जाता है, हमेशा धर्म से जोड़कर देखा जाता है और बता दिया जाता है कि धर्म विरोधी लोग हैं। यह सनातन के विरोधी लोग हैं। इस तरह की बात बीजेपी की आईडी सेल करती है। हम मुबारकबाद देते हैं कांग्रेस को कि कांग्रेस ने इतना अच्छा कदम उठाया क्योंकि यह संविधान को बचाने की शुरुआत है। एक संविधान को बचाने की कमान है, इसका असर दिल्ली पर भी पड़ेगा।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 16 January 2025 at 20:34 IST