अपडेटेड 8 July 2024 at 11:44 IST

भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर देश को विश्वास में लिया जाए, खरगे की केंद्र सरकार से अपील

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार को चीन से सटी सीमा पर हालात को लेकर देश को विश्वास में लेना चाहिए।

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Congress Chief Mallikarjun Kharge
Congress Chief Mallikarjun Kharge | Image: Facebook

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को अपनी पार्टी की मांग को दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार को चीन से सटी सीमा पर हालात को लेकर देश को विश्वास में लेना चाहिए।

खरगे ने ‘एक्स’ पर एक खबर साझा की, जिसमें उपग्रह चित्रों का हवाला देते हुए दावा किया गया कि चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र में लंबे समय से खुदाई कर रही है तथा इस क्षेत्र में एक अहम अड्डे पर हथियारों और ईंधन के भंडारण के लिए भूमिगत बंकरों और बख्तरबंद वाहनों के लिए आश्रय का निर्माण किया है। खरगे ने कहा, ‘‘चीन पैंगोंग त्सो के पास उस जमीन पर सैन्य अड्डा कैसे बना सकता है, जो मई 2020 तक भारत के कब्जे में थी।’’

कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि जिस सिरिजाप इलाके की बात हो रही है, उस पर 21 अक्टूबर 1962 को चीनी सैनिकों ने हमला किया था और कब्जा कर लिया था, तब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘खरगे जी, या तो आप सैन्य इतिहास और 1962 में हमारी जमीन पर चीन के अवैध कब्जे के बारे में कुछ नहीं जानते हैं या फिर जानबूझकर फर्जी खबर फैला रहे हैं।’’

मालवीय ने कहा, ‘‘आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि जिस सिरिजाप की बात हो रही है, उस पर 21 अक्टूबर 1962 को चीनी सैनिकों ने हमला किया था और कब्जा कर लिया था और तब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। इसलिए, हम बालक बुद्धि के परदादा के पापों का भुगतान कर रहे हैं और इसका 2020 से कोई लेना-देना नहीं है।’’ भारत ने चीन के साथ शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष क्षेत्रों से ‘पूर्ण सैन्य वापसी’ के महत्व पर जोर दिया है।

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खरगे ने ‘एक्स’ पोस्ट में की ये अपील

खरगे ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘हम गलवान घाटी प्रकरण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘क्लीन चिट’ के पांचवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, जहां हमारे बहादुर सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, चीन हमारी क्षेत्रीय अखंडता पर अतिक्रमण करना जारी रखे हुए है!’’ उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल 2024 का दिन याद करें, जब विदेशी प्रेस को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने में विफल रहे।

खरगे ने कहा कि विदेश मंत्री का 13 अप्रैल 2024 का यह बयान कि ‘चीन ने हमारी किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है’, चीन के प्रति मोदी सरकार की नरम नीति को उजागर करता है! उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा कि चार जुलाई 2024 को अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात के दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘एलएसी का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति-सौहार्द सुनिश्चित करना आवश्यक है।’’

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खरगे ने कहा कि चीन भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने और सिरिजाप में एक सैन्य अड्डे का निर्माण करने के लिए आक्रामक रुख अख्तियार किये हुए है, जबकि यह भूमि कथित तौर पर भारतीय नियंत्रण में थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति कायम नहीं रखने के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने 65 में से डेपसांग के मैदानी हिस्सों, डेमचोक और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में स्थित प्वाइंट सहित 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) पर से कब्जा खो दिया है। खरगे ने आरोप लगाया कि ‘मोदी की चीनी गारंटी’ जारी है, क्योंकि उनकी सरकार अपनी ‘लाल आंख’ पर 56 इंच के बड़े ‘चीनी ब्लिंकर’ लगाती है।

कांग्रेस की केंद्र सरकार से मांग

 

उन्होंने कहा कांग्रेस एक बार फिर एलएसी पर सीमा की स्थिति पर देश को विश्वास में लेने की अपनी मांग दोहराती है। खरगे ने कहा, ‘‘हम अपने बहादुर सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।’’ पूर्वी लद्दाख में मई 2020 से भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध जारी है और सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी तक नहीं हो पाया है, हालांकि दोनों देशों के सैनिक गतिरोध के कई बिंदुओं से पीछे हट चुके हैं।

गलवान घाटी में जून 2020 में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है। यह दोनों देशों के बीच कई दशकों में सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। दोनों पक्ष गतिरोध के समाधान के लिए अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की वार्ता कर चुके हैं।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 8 July 2024 at 11:44 IST