Published 14:38 IST, August 28th 2024
बंगाल में महिलाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही, केंद्र की योजनाएं लागू नहीं की गईं: मंत्री अन्नपूर्णा
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि बंगाल में एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिलाओं की स्थिति ‘‘बिगड़ती’’ जा रही है।
पश्चिम बंगाल में एक चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की घटना को लेकर हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिलाओं की स्थिति ‘‘बिगड़ती’’ जा रही है।
उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए त्वरित अदालतों के गठन और आपातकालीन हेल्पलाइन जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में ‘‘विफल रहने के लिए’’ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह विडंबना है कि पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी मुख्यमंत्री महिला हैं लेकिन फिर भी राज्य में महिलाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल जैसे राज्य हैं जहां हम केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए केंद्र सरकार की कई योजनाएं हैं, जैसे त्वरित विशेष अदालतें और पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) अदालतें, लेकिन राज्य (पश्चिम बंगाल) इसमें पिछड़ रहा है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम इस योजना को प्रायोजित कर रहे हैं, ताकि आपको पैसे खर्च न करने पड़ें, लेकिन इसे लागू राज्य को करना होगा। हम महिलाओं और बच्चों से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य को सुझाव देते रहे हैं।’’
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि पश्चिम बंगाल को आवंटित विशेष त्वरित अदालतों (एफटीएससी) का राज्य में संचालन अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 409 विशेष पॉक्सो अदालतों सहित 752 विशेष त्वरित अदालतें (एफटीएससी) काम कर रही हैं और योजना शुरू होने के बाद से उन्होंने 2,53,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है। इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल को 123 एफटीएससी आवंटित की गई थीं, जिनमें 20 विशिष्ट पॉक्सो अदालत और 103 संयुक्त एफटीएससी अदालतें हैं जो बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के मामलों दोनों को संभालती हैं लेकिन इनमें से किसी भी अदालत का संचालन शुरू नहीं किया गया है।’’
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने प्रमुख आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर - महिला हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल), आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) और बाल हेल्पलाइन को शुरू नहीं करने के लिए भी राज्य की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हिंसा के पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए ये सेवाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन केंद्र द्वारा बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल में इन्हें लागू नहीं किया गया।
मंत्री ने यह टिप्पणी कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर हो रहे प्रदर्शनों के बीच की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना के विरोध में राज्य सचिवालय तक मार्च में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया है।
अन्नपूर्णा देवी ने आगामी पोषण माह के बारे में भी बात की, जो हर साल सितंबर के महीने में मनाया जाता है। इस साल का उत्सव केंद्र सरकार की पहल ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ (पीबीपीबी) पर केंद्रित होगा, जिसे छह साल से कम उम्र के बच्चों को देखभाल और शिक्षा, पोषण तथा सेवाएं प्रदान करने हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है।
मंत्री ने कहा कि 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत देश भर की आंगनवाड़ियों को पौधारोपण अभियान चलाने की सलाह दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की शुरुआत की थी, जिसके तहत देश भर में करीब 140 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे।
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Updated 14:38 IST, August 28th 2024