अपडेटेड 5 May 2025 at 11:34 IST

अब रॉयल साइन नहीं, गाय के गोबर से बने पेंट से रंगे जाएंगे यूपी के सरकारी दफ्तर; CM योगी ने क्यों लिया ये बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में एक बड़ा फैसला लिया है।

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CM Yogi calls for use of cow dung paint for govt buildings, tech in dairy sector
CM योगी का बड़ा फैसला, अब रॉयन साइन नहीं, गाय के गोबर से बने पेंट से रंगे जाएंगे यूपी के सरकारी दफ्तर | Image: CM Yogi - X

UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में एक बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अब यूपी की सभी सरकारी ऑफिस की इमारतें साधारण पेंट से नहीं रंगी जाएंगी बल्‍कि इसके लिए गाय के गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल होगा। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। इन केंद्रों में मौजूद गोबर का बेहतर उपयोग करते हुए प्राकृतिक पेंट निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, इन केंद्रों में जैविक खाद और अन्य गो-आधारित उत्पादों के निर्माण के लिए भी ठोस रणनीति बनाई जाए। उन्होंने ऐसे पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।

सीएम योगी ने कहा, पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र सिर्फ दुग्ध उत्पादन (Milk Products) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक, निवेश और इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए।

40,968.29 हेक्टेयर चरागाह अतिक्रमण मुक्त

इस बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि 40,968.29 हेक्टेयर चरागाहों को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है, जिसमें से 12,168.78 हेक्टेयर को हरे चारे के उत्पादन के लिए समर्पित किया गया है। इस पहल से ग्रामीण रोजगार भी उत्पन्न हो रहा है, जिसमें महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय रूप से शामिल हैं और कुल 21,884 “गौसेवकों” को प्रशिक्षित और तैनात किया गया है।

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पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाने पर बल

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि प्रदेश में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने वाले संयंत्रों (प्लांट्स) की संख्या में तेजी से इजाफा किया जाए। उन्होंने संबंधित विभागों को आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करने को भी कहा ताकि यह पहल जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू हो सके। वर्तमान में प्रदेश के कुछ जिलों में यह प्रयोग सीमित रूप से हो रहा है, परंतु अब इसे एक राज्यव्यापी मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 5 May 2025 at 10:02 IST