अपडेटेड 10 September 2024 at 14:35 IST

CM शिंदे ने शुरू किया अभियान, 10 सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करने का लक्ष्य

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने युवाओं, महिलाओं, किसानों और बुजुर्गों के लिए अपनी महायुति सरकार की 10 योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के वास्ते एक अभियान शुरू किया है।

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cm eknath shinde
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे | Image: @mieknathshinde

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने युवाओं, महिलाओं, किसानों और बुजुर्गों के लिए अपनी महायुति सरकार की 10 योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के वास्ते एक अभियान शुरू किया है। सोमवार को शुरू किए गए 'लाडकी बहिन कुटुंब भेट अभियान' के तहत शिंदे की पार्टी शिवसेना का लक्ष्य राज्य में एक करोड़ से अधिक परिवारों तक पहुंचना है।

यह कदम सत्तारूढ़ गठबंधन में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन' को लेकर आए मतभेद के बीच उठाया गया है, जिसमें शिवसेना के एक मंत्री ने सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उसके अध्यक्ष अजित पवार के खिलाफ सरकार की प्रमुख योजना के विज्ञापनों और प्रचार सामग्री से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम 'हटाने' पर आपत्ति जताई है।

राज्य विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की संभावना है। मुख्यमंत्री शिंदे ने सोमवार को 'लाडकी बहिन कुटुंब भेट अभियान' की शुरुआत की। शिंदे ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता 10 सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करेंगे, जैसे कि मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना, मुख्यमंत्री युवा प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री वयोश्री योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना और मुख्यमंत्री बिजली पंप बिल माफी योजना आदि।

उन्होंने कहा कि…

उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य यह आकलन करना है कि लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं और यदि नहीं तो उन्हें लाभ उठाने में किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शिंदे ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने की योजना से राज्य की अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।

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उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा अभियान की प्रगति पर जियो-ट्रैकिंग एप्लीकेशन के माध्यम से नजर रखी जाएगी। पिछले हफ्ते राज्य के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन' योजना को 'हाइजैक' करने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा था कि उनके (पवार के) जन संपर्क कार्यक्रमों के दौरान योजना के पूरे नाम का इस्तेमाल नहीं करना प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है। देसाई ने आरोप लगाया, ‘‘योजना के नाम में ‘मुख्यमंत्री’ शब्द भी जुड़ा है और योजना के नाम से इसे हटाना अनुचित है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।’’ आबकारी मंत्री ने कहा, ‘‘यह राज्य सरकार की योजना है और उन्हें (पवार को) हर किसी को साथ लेकर चलना चाहिए।’’

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 10 September 2024 at 14:35 IST