अपडेटेड 10 September 2024 at 14:25 IST

LNJP अस्पताल में MPOX रोगी की हालत में सुधार, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती मंकी पॉक्स से पीड़ित मरीज की हालत स्थिर है।

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Saurabh Bhardwaj
Saurabh Bhardwaj | Image: ANI

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती मंकी पॉक्स से पीड़ित मरीज की हालत स्थिर है। भारद्वाज ने मंकी पॉक्स और डेंगू से निपटने की तैयारियों का आकलन करने के लिए अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। मंत्री ने कहा, ‘‘एलएनजेपी अस्पताल में मंकी पॉक्स का एक मरीज है। उसका यात्रा इतिहास है और ऐसा माना जा रहा है कि वह विदेश यात्रा के दौरान संक्रमित हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मरीज को अलग वार्ड में रखा गया है, उसकी हालत स्थिर है।’’ स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के हिसार निवासी 26 वर्षीय मरीज को केवल जननांगों में छाले और त्वचा पर चकत्ते हैं, लेकिन बुखार नहीं है।

भारद्वाज ने कहा कि…

भारद्वाज ने कहा कि मंकी पॉक्स को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह हवा से नहीं बल्कि संपर्क से फैलता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि यह एक ‘‘अकेला मामला’’ है और इससे लोगों को तत्काल कोई खतरा नहीं है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह व्यक्ति, एक युवा पुरुष है जो हाल ही में मंकी पॉक्स संक्रमण प्रभावित देश से यात्रा करके लौटा है, उसे वर्तमान में एक --- निर्दिष्ट देखभाल पृथकवास इकाई में रखा गया है। चिकित्सकीय रूप से रोगी की हालत स्थिर बनी हुई है और उसे कोई कोई अन्य बीमारी नहीं है।’’

मरीज को शनिवार को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले महीने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए दूसरी बार मंकी पॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया था।

एलएनजेपी को नोडल सुविधा के रूप में नामित किया गया है, जबकि स्थिति को देखते हुए दो अन्य अस्पतालों को भी तैयार रखा गया हैं। एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों के लिए कुल 20 ‘आइसोलेशन’ कमरे हैं, जिनमें से 10 कमरे पुष्ट मामलों के लिए आरक्षित किए गए हैं। गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए 10-10 कमरे होंगे, जबकि संदिग्ध मामलों के लिए पांच-पांच कमरे आरक्षित रहेंगे।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 10 September 2024 at 14:25 IST