अपडेटेड 25 February 2025 at 13:54 IST

Delhi: शराब पॉलिसी बदलने से सरकारी खजाने को 2000 करोड़ का नुकसान, विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश होते ही खलबली

दिल्ली विधानसभा में सीएम रेखा गुप्ता ने CAG रिपोर्ट को पेश कर दिया।

Follow : Google News Icon  
CM Rekha Gupta
सीएम रेखा गुप्ता ने पेश की CAG रिपोर्ट | Image: X

CAG Report in Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश कर दी गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब घोटाले से जुड़ी CAG रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई। स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 2017-18 से CAG रिपोर्ट पेश नहीं की गई। CAG रिपोर्ट को दबा दिया गया। पिछली सरकार ने रिपोर्ट को दबाकर संवैधानिक प्रवधानों का जानबूझकर उल्लंघन किया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली की शराब पॉलिसी बदलने से 2000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

सत्र के दूसरे दिन एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली विधानसभा के सत्र को संबोधित किया। एलजी के अभिभाषण के दौरान विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष की नेता आतिशी ने बाबा साहेब अंबेडकर और भगत सिंह की CM हाउस से फोटो हटाए जाने का मुद्दा उठाया। हंगामे के चलते स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने AAP के 12 विधायकों को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। 

AAP सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया- स्पीकर

एलजी के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब घोटाले से जुड़ी CAG रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में पेश की। स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा, "यह जानकर आश्चर्य होता है कि 2017-18 के बाद CAG रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई है। इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता यानी मैंने और पांच अन्य विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया था। राज्य की वित्तीय स्थिति जानने के लिए यह बहुत जरूरी था। दुर्भाग्य से CAG रिपोर्ट पेश नहीं की गई और पिछली सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया।"

रिपोर्ट में क्या खुलासे हुए? 

शराब घोटाले को लेकर पेश की गई CAG रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को भारी राजस्व घाटा हुआ। दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। शराब बिक्री के लाइसेंस जारी करने में नियमों का उल्लंघन किया गया। पहले एक व्यक्ति को एक लाइसेंस मिलता था, लेकिन नई नीति में एक शख्स दो दर्जन से ज्यादा लाइसेंस ले सकता था। 

Advertisement

रिपोर्ट में बताया गया कि शराब नीति के गठन को लेकर बदलाव सुझाने के लिए गठित विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को भी तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज किया था। 

यह भी पढ़ें: बजट में घोषणाओं की बौछार, पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त, PM मोदी के ताबड़तोड़ दौरे... बिहार में कुछ बड़ा होने वाला है?
 

Advertisement

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 25 February 2025 at 12:23 IST