अपडेटेड 2 July 2025 at 10:06 IST
हिमाचल प्रदेश में आसमान से बारिश आफत बनकर बरस रही है। यहां कुदरत ऐसा कहर बरपा रही है कि मंजर देख लोग सहम जा रहे हैं। बारिश और बादल फटने से पूरे प्रदेश में भारी तबाही हुई है। प्रकृति के प्रकोप की चपेट में आने से 30 अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तो बड़ी संख्या में लोग लापता है। प्रशासन बारिश के बीच भी राहत और बचाव कार्य में जुटा है। इस बीच मौसम विभाग की चेतावनी और चिंता बढ़ाने वाली है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार को भी हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा, सोलन और सिरमौर भारी बारिश की संभावना है। वहीं, मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की 11 घटनाओं ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में देखा गया, जहां गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर इलाकों में 7 जगहों पर बादल फटे।
बादल फटने कई अलग-अलग घटना में कई घर जमींदोज कर दिया और कई परिवारों को तबाह कर डाला। बड़ी संख्या में लोग लापता बताए जा रहे हैं। सबसे अधिक असर मंडी जिले में देखा गया है, जहां निजी और सार्वजनिक संपत्तियों को गंभीर क्षति पहुंची। सूबे की राजधानी शिमला में मंगलवार शाम बादल फटने से अस्थाई पार्किंग में खड़े 10 से अधिक वाहन मलबे में दब गए। पूरे प्रदेश में 400 से अधिक सड़कें ब्लॉक हो गई है, जिसमें अकेले मंडी में 200 से अधिक सड़के हैं। हालात को देखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह नदियां उफान पर है। ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है। प्रदेश में कई नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राज्य सरकार ने सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। NDRF और राज्य आपदा प्रबंधन टीमें मौके पर तैनात हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है।
सभी शिक्षण संस्थान को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है और लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अफवाहों से बचें। मौसम विभाग ने बुधवार को तीन जिलों कांगड़ा, सोलन और सिरमौर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अब तक 500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान जताया है और कहा है कि ये आंकड़ा और बढ़ सकता है।
पब्लिश्ड 2 July 2025 at 10:06 IST