अपडेटेड 17 May 2025 at 12:00 IST
चांद पर फिर लहराएगा तिरंगा! पाकिस्तान-तुर्किए के साथ इस देश को झटका देने की बारी, भारत ने शुरू की Chandrayaan-5 की तैयारी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) ने एक फिर बार चांद पर तिरंगा लहराने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही इसरो अपने दुश्मनों देशों को अंतरिक्ष क्षमताओं को दिखाएगा।
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भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमला का जवाब पाकिस्तान को जिस तरीके से दिया उसकी चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है। ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना के शौर्य का लोहा विश्व के कई देशों ने माना। वहीं, अब आतंक के पनाहगार पाकिस्तान को साथ देने वाले देश चीन, तुर्किए और अजरबैजान को भी करारा जवाब दने की तैयारी भारत ने शुरू कर दी है। अब भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-5 की तैयारी शुरू कर दी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) ने एक फिर बार चांद पर तिरंगा लहराने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही इसरो अपने दुश्मनों देशों को अंतरिक्ष क्षमताओं को दिखाएगा। 13-14 मई 2025 के दौरान इसरो और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA ने चंद्रयान-5/LUPEX मिशन के लिए संयुक्त रूप से तीसरी आमने-सामने तकनीकी इंटरफस मीटिंग (TIM-3) आयोजित की जो इसरो मुख्यालय बेंगलुरु में आयोजित की गई थी। इस बैठक में इसरो JAXA और जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज (MHI) के वरिष्ठ अधिकारियों परियोजना अधिकारियों और तकनीकी टीम के सदस्यों ने भाग लिया।
भारत ने शुरू की Chandrayaan-5 की तैयारी
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 (ऑर्बिटर-आधारित चंद्र अन्वेषण), चंद्रयान-3 (लैंडर-रोवर आधारित इन-सीटू अन्वेषण) और आगामी चंद्रयान-4 (भारत का पहला चंद्र नमूना वापसी मिशन) की विरासत के बाद, चंद्रयान-5/एलयूपीईएक्स (चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण) मिशन चंद्र मिशनों की चंद्रयान श्रृंखला का पांचवा मिशन होगा, जिसका उद्देश्य चंद्र दक्षिण ध्रुव में स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्र (पीएसआर) के आसपास के क्षेत्र में चंद्र जल सहित चंद्र वाष्पशील पदार्थों का अध्ययन करना है।
जापान के साथ मिलकर मिशन को दिया जाएगा अंजाम
मिशन को जेएक्सए द्वारा अपने एच3-24एल प्रक्षेपण यान के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा, जो इसरो निर्मित चंद्र लैंडर और जापान निर्मित चंद्र रोवर एमएचआई को ले जाएगा। इस मिशन के लिए वैज्ञानिक उपकरण इसरो, जाक्सा, ईएसए और नासा द्वारा प्रदान किए जाएंगे, जो सभी विषयगत रूप से चंद्र ध्रुवीय क्षेत्र में आरक्षित वाष्पशील पदार्थों की खोज और इन-सीटू विश्लेषण से जुड़े होंगे।
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पाकिस्तान-चीन के उड़े होश
इसरो को चंद्रयान-5/LUPEX मिशन के लिए भारत सरकार से 10 मार्च 2025 को वित्तीय मंजूरी के रूप में स्वीकृति प्राप्त हुई थी। चंद्रयान-5 मिशन के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जल-बर्फ की खोज करने जाएगा, इस मिशन में इसरो जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा (JAXA) के साथ मिलकर काम करेगा, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय मदद का एक ऐतिहासिक उदाहरण बनेगा है। इस खबर ने न केवल पड़ोसी देशों बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष लोगों को भी परेशान कर दिया है। पाकिस्तान सहित कई देशों ने भारत की इस तेजी से बढ़ती अंतरिक्ष क्षमता पर हैरान है।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 17 May 2025 at 12:00 IST