अपडेटेड 30 August 2023 at 19:30 IST
चंद्रयान-3 से प्रभावित होकर बरेली के ओम सागर ने चांद पर खरीदी जमीन, कराया ये एग्रीमेंट
Om Sagar Bought land on moon: बरेली के ओमसागर ने अपने बेटे के लिए चांद पर जमीन खरीदी है। उन्होंने इसके सर्टिफिकेट्स भी दिखाए हैं।
- भारत
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Om Sagar Bought land on moon: पीएम मोदी और चंद्रयान-3 की सफलता से प्रभावित होकर बरेली के ओम सागर ने अपने बेटे के नाम पर चांद पर जमीन खरीदने का दावा किया है। उन्होंने बताया है कि लूना सोसायटी इंटरनेशनल के जरिए उन्होंने चांद पर एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई है।
स्टोरी में आगे पढ़ें
- बरेली के आंवला तहसील के शेखूपुर गांव का मामला
- चांद पर लेक आफ ड्रीम्स के पास अपने बेटे के लिए खरीदी जमीन
- लूना सोसायटी इंटरनेशन ने ओम सागर के बेटे के नाम की रजिस्ट्री
बेटे के नाम पर खरीदी चांद पर 1 एकड़ जमीन
ओम सागर ने दावा किया है कि उन्होंने चांद के लेक ऑफ ड्रीम्स के पास एक एकड़ जमीन खरीदी है। इसके लिए उन्हें एक सर्टिफिकेट भी दिया गया है, जिसमें लिखा है कि नमाय सागर लेक ऑफ ड्रीम्स में स्थित जमीन के लीगल मालिक हैं।
ये सर्टिफिकेट न्यूयॉर्क सिटी के द लूनर रजिस्ट्री के द्वारा रजिस्टर्ड और रिकॉर्ड की गई है और रजिस्ट्री की तारीख 25 अगस्त 2023 बताई जा रही है। दस्तावेजों में एक पोस्टकार्ड भी चिपकाया गया है, जिसमें अपोलो-11 मिशन की एक तस्वीर लगी है और उसमें लिखा है- चांद से पोस्टकार्ड
जमीन का पूरा ब्योरा भी दिया
लूना सोसायटी इंटरनेशनल ने जमीन का पूरा ब्योरा भी दिया है। इसकी पहली लाइन में लिखा है- चांद पर आपका स्वागत है नमय सागर। इसके बाद लिखा है- 'आप द लूना रजिस्ट्री की तरफ से चांद पर स्थित लेक ऑफ ड्रीम्स प्रोपर्टी के मालिक हैं। इस डॉक्यूमेंट में आपकी प्रोपर्टी के लोकेशन की भी जानकारी दी गई है। आपकी संपत्ति सोमनिओरम के दक्षिण-मध्य क्षेत्र में एक छोटे से उपविभाग क्रेटर डेनियल के पूर्व में स्थित है। इसका नाम जॉन फ्रेडरिक डेनियल (1790-1845) के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने हाइग्रोमीटर का आविष्कार किया।'
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क्या चांद पर जमीन खरीदना लीगल है?
आपको बता दें कि चांद पर जमीन खरीदना बिल्कुल वैध नहीं है। 1967 में सोवियत संघ, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक संधि हुई थी, जिसमें कहा गया था कि औपनिवेशिक प्रतिस्पर्धा के एक नए रूप को रोकने के लिए चांद या किसी भी खगोलिय पिंड पर कोई अपना मालिकाना हक नहीं बता सकता है। संधि के अनुच्छेद II के अनुसार, चंद्रमा या अन्य खगोलीय पिंडों सहित बाहरी अंतरिक्ष पर संप्रभुता के दावे, उपयोग या कब्जे के माध्यम से, या किसी अन्य माध्यम से राष्ट्रीय विनियोग के अधीन नहीं हैं।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 30 August 2023 at 19:30 IST




