अपडेटेड 28 May 2025 at 14:58 IST

धोखा और धांधली पर लगेगी लगाम... 117 साल पुराने कानून में होगा बदलाव; सरकार जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री की कर रही तैयारी

इस नई व्यवस्था के तहत संपत्ति से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेजों को डिजिटल रूप में तैयार और जमा करना होगा, जिससे प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और कुशल हो सकेगी। इस विधेयक को ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग द्वारा तैयार किया गया है।

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धोखा और धांधली पर लगेगी लगाम... 117 साल पुराने कानून में होगा बदलाव; सरकार जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री की कर रही तैयारी | Image: Pexels

जल्द ही संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार ने एक नया विधेयक तैयार किया है, जिसके तहत संपत्ति का पंजीकरण पूरी तरह ऑनलाइन किया जा सकेगा। इस नए कानून का उद्देश्य रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और सरल बनाना है। इस प्रस्तावित विधेयक में विक्रय अनुबंध (Sale Deed), पावर ऑफ अटॉर्नी और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का प्रावधान भी शामिल है। यह कानून 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट की जगह लेगा, जिसे अब डिजिटल युग की जरूरतों के अनुसार अपडेट किया जा रहा है।

इस नई व्यवस्था के तहत संपत्ति से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेजों को डिजिटल रूप में तैयार और जमा करना होगा, जिससे प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और कुशल हो सकेगी। इस विधेयक को ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग द्वारा तैयार किया गया है। आम जनता, विशेषज्ञ और संबंधित हितधारक 25 जून तक इस पर अपनी राय और सुझाव दे सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नए संपत्ति पंजीकरण कानून में ऑनलाइन दस्तावेज़ जमा और रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए आधार आधारित सत्यापन की व्यवस्था भी की जा रही है। इस प्रक्रिया में व्यक्तियों की 'सहमति' को प्राथमिकता दी जाएगी। यानी, आधार का उपयोग केवल उनकी अनुमति से ही किया जाएगा।


संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को धोखाधड़ी मुक्त बनाने की पहल

जो लोग आधार का उपयोग नहीं करना चाहते, उनके लिए सरकार वैकल्पिक सत्यापन विधियों की व्यवस्था भी करेगी, जिससे किसी की निजता या अधिकारों का हनन न हो। इसके अलावा, प्रस्तावित विधेयक में जानकारी के आदान-प्रदान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए अन्य रिकॉर्ड-रखने वाली एजेंसियों के साथ डेटा को जोड़ने का भी सुझाव दिया गया है। इससे संपत्ति संबंधी जानकारी अधिक सटीक और पारदर्शी हो सकेगी। यह पूरा ढांचा संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को न सिर्फ डिजिटल और सुविधाजनक, बल्कि सुरक्षित और धोखाधड़ी-मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


रजिस्ट्री को डिजिटलाइज्ड करवाने पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

प्रॉपर्टी एक्सपर्ट ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सरकार ने हाल ही में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को डिजिटल करने का बड़ा फैसला लिया है। अब लोगों को अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। एक प्रॉपर्टी एक्सपर्ट ने मीडिया से बातचीत में इस बदलाव को आम जनता के लिए फायदेमंद बताया। उनका कहना है कि अब लोग घर बैठे ही अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करा सकेंगे, जिससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों को काफी राहत मिलेगी, जो बाहर जाकर प्रक्रिया पूरी करने में असमर्थ होते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट ने यह भी चेताया कि किसी भी बड़े बदलाव को पूरी तरह से लागू करने में समय लगता है। इसके लिए पहले से ही समुचित तैयारी जरूरी होती है। अगर किसी भी स्तर पर खामी रह गई तो यह नई व्यवस्था परेशानी का कारण भी बन सकती है। सरकार का फैसला निस्संदेह सराहनीय है, लेकिन इसका असली असर तभी सामने आएगा जब यह जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू होगा और लोग इसकी प्रक्रियाओं का लाभ उठा सकेंगे।

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डिजिटल रजिस्ट्री होने से धोखाधड़ी से होगा बचाव

सरकार ने संपत्ति पंजीकरण व्यवस्था में बड़े बदलाव के संकेत देते हुए एक नया ड्राफ्ट विधेयक तैयार किया है। इस ड्राफ्ट में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया है कि संपत्ति से जुड़े डेटा तक पहुंच को अधिक सुव्यवस्थित किया जाए और धोखाधड़ी के मामलों को कम किया जा सके। इसके लिए पंजीकरण प्रणाली को अन्य रिकॉर्ड रखने वाली सरकारी एजेंसियों से जोड़े जाने की सिफारिश की गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह नया विधेयक एक आधुनिक कानूनी ढांचे की जरूरत को सामने रखता है, क्योंकि आज के समय में पंजीकृत दस्तावेजों पर सार्वजनिक और निजी, दोनों तरह के लेनदेन में भारी निर्भरता बढ़ गई है। देश के कई राज्य पहले ही पुराने कानून के तहत डिजिटल बदलाव की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार की मंशा है कि पूरे भारत में एकीकृत डिजिटल प्रणाली लागू की जाए, ताकि सभी राज्यों में संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया एक समान, पारदर्शी और सुरक्षित हो सके। यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि नागरिकों के लिए भी संपत्ति से जुड़ी प्रक्रियाओं को आसान और तेज बनाएगा।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 28 May 2025 at 13:52 IST