अपडेटेड 12 December 2025 at 20:15 IST

Census 2027: जनगणना का काउंटडाउन शुरू, मोदी कैबिनेट ने 11,718 करोड़ किए मंजूर, जानिए कितने चरण में होगा? क्या है प्रोसेस

Budget for Census 2027: जनगणना को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनगणना 2027 के लिए राष्ट्रव्यापी जागरूकता, समावेशी भागीदारी, अंतिम छोर तक पहुंच और जमीनी स्तर पर संचालन के लिए समर्थन हेतु एक केंद्रित और व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाएगा।

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Census 2027
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Meta AI

Budget for Census 2027: मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को भारत की जनगणना 2027 आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही देश में जनगणना का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास बताया जा रहा है। इसकी लागत 11,718.24 करोड़ रुपये (बजट) होगी।

मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना 2027 इस सीरीज की सोलहवीं और स्वतंत्रता के बाद की आठवीं जनगणना होगी।

पहली डिजिटल जनगणना- अश्विनी वैष्णव

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, अश्विनी वैष्णव ने कहा, " 2027 की जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी। जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है।"

उन्होंने बताया कि भारत की जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी: 
(i) हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना  - अप्रैल से सितंबर, 2026
(ii) जनसंख्या गणना (पीई) फरवरी 2027 (लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश और जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के हिमपात से ग्रस्त गैर-समकालिक क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के लिए, पीई सितंबर, 2026 में आयोजित की जाएगी)।

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लगभग 30 लाख फील्ड कर्मी राष्ट्रीय महत्व के इस विशाल अभियान को पूरा करेंगे। एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप और निगरानी उद्देश्यों के लिए केंद्रीय पोर्टल का उपयोग बेहतर गुणवत्ता वाले डेटा को सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बैठक 

मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनगणना 2027 के लिए राष्ट्रव्यापी जागरूकता, समावेशी भागीदारी, अंतिम छोर तक पहुंच और जमीनी स्तर पर संचालन के लिए समर्थन हेतु एक केंद्रित और व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाएगा। इसमें सटीक, प्रामाणिक और समय पर जानकारी साझा करने पर जोर दिया जाएगा, जिससे समन्वित और प्रभावी जनसंपर्क सुनिश्चित हो सके।

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इस वर्ष 30 अप्रैल को हुई कैबिनेट राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में 2027 की जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय लिया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है, "हमारे देश में मौजूद व्यापक सामाजिक और जनसांख्यिकीय विविधता और उससे संबंधित चुनौतियों को देखते हुए, जनगणना 2027 के दूसरे चरण, यानी जनसंख्या गणना (पीई) में जाति संबंधी आंकड़ों को भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से एकत्र किया जाएगा।"

नियुक्त होंगे 18600 कर्मचारी 

 जनगणना 2027 के सफल संचालन हेतु विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर लगभग 18,600 तकनीकी कर्मचारियों को लगभग 550 दिनों के लिए नियुक्त किया जाएगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनगणना गांव, शहर और वार्ड स्तर पर प्राथमिक आंकड़ों का सबसे बड़ा स्रोत है, जो आवास की स्थिति, सुविधाएं और संपत्ति, जनसांख्यिकी, धर्म, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, भाषा, साक्षरता और शिक्षा, आर्थिक गतिविधि, प्रवासन और प्रजनन दर सहित विभिन्न मापदंडों पर सूक्ष्म स्तर का डेटा प्रदान करती है।

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 12 December 2025 at 20:15 IST