अपडेटेड 16 July 2024 at 22:57 IST
कलकत्ता HC का बड़ा फैसला- ममता नहीं दे सकती राज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक बयान, हाई कोर्ट ने लगाई रोक
West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक बयान देने को लेकर ममता बनर्जी पर रोक लगा दी है।
- भारत
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West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तीन अन्य को 14 अगस्त तक राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कोई भी अपमानजनक या गलत बयान देने से रोक दिया।
आपको बता दें कि बोस ने बनर्जी, दो नवनिर्वाचित टीएमसी विधायकों सयंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार और पार्टी नेता कुणाल घोष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने राजभवन में कथित घटनाओं के संबंध में कोई और टिप्पणी करने से रोकने के लिए एक अंतरिम आदेश देने का भी अनुरोध किया था।
कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति कृष्ण राव की पीठ द्वारा पारित आदेश में कहा गया, “प्रतिवादियों को 14 अगस्त, 2024 तक प्रकाशन के माध्यम से और सोशल प्लेटफार्मों पर वादी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक या गलत बयान देने से रोका जाता है।”
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बोस द्वारा बनर्जी के खिलाफ हाल ही में लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए दायर मानहानि के मुकदमे को स्वीकार कर लिया था।
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आदेश में कहा गया है, "अगर इस स्तर पर, अंतरिम आदेश नहीं दिया जाता है तो इससे प्रतिवादियों को वादी के खिलाफ मानहानिकारक बयान जारी रखने और वादी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की खुली छूट मिल जाएगी।"
गवर्नर का बयान आया सामने
गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कलकत्ता हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। गवर्नर ने कहा- 'मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। ममता ने जो टिप्पणी की है, वह अपेक्षित नहीं है। हमें परस्पर सम्मान रखना चाहिए। ऐसी घटनाओं से बंगाल के लोगों को परेशानी होती है। कोर्ट ने अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है। मुझे हिंसा के शिकार लोगों की गंभीर शिकायतें मिल रही हैं। जब पीड़ित मुझसे मिलने आए तो पुलिस ने उन्हें मुझसे मिलने से रोक दिया। राज्य में हिंसा बढ़ रही है। बढ़ती हिंसा के कारण लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। लोकतांत्रिक राष्ट्र इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।'
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 16 July 2024 at 22:57 IST