अपडेटेड 22 November 2024 at 14:25 IST
BREAKING: आसाराम की जमानत याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस, रेप मामले में काट रहे हैं उम्रकैद की सजा
फिलहाल पीठ ने मामले की सुनवाई 13 दिसंबर के लिए निर्धारित करते हुए कहा है कि, 'हम नोटिस जारी करेंगे, लेकिन हम सिर्फ मेडिकल आधार पर विचार करेंगे।
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Asaram Plea in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जेल में बंद आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। इस याचिका में 2013 के दुष्कर्म मामले में निचली अदालत की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग की गई है। जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने आसाराम की तरफ से पेश हुए वकील से कहा कि वह इस मुद्दे पर तभी विचार करेंगे जब इसके पीछे कोई चिकित्सकीय (मेडिकल) आधार होगा।
फिलहाल पीठ ने मामले की सुनवाई 13 दिसंबर के लिए निर्धारित करते हुए कहा है कि, 'हम नोटिस जारी करेंगे, लेकिन हम सिर्फ मेडिकल आधार पर विचार करेंगे।' गुजरात हाईकोर्ट ने 29 अगस्त को आसाराम की गांधीनगर अदालत द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को 2023 में निलंबित करने की याचिका को खारिज कर दिया था। सजा को निलंबित करने और उसे जमानत देने से इनकार करते हुए, हाईकोर्ट ने कहा था कि राहत का कोई मामला नहीं बनता है।
दुष्कर्म मामले में दोषी है आसाराम
जनवरी 2023 में सेशंस कोर्ट ने आसाराम को 2013 के दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराया था। यह केस गांधीनगर के पास उनके आश्रम में रहने वाली एक महिला ने दायर किया था। आसाराम अभी भी एक दूसरे दुष्कर्म मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है। हाईकोर्ट ने नोट किया था कि उसकी अपील के निपटान में संभावित देरी, उसकी उम्र और मेडिकल स्थिति के बारे में उसकी दलीलें राहत देने के लिए काफी नहीं है।
अदालत ने पिछली घटनाओं पर भी किया विचार
अदालत ने साबरमती आश्रम में दो लड़कों की कथित हत्या, गवाहों और पीड़ितों के रिश्तेदारों पर हमले के साथ साथ पिछली घटनाओं पर भी विचार किया था। अदालत ने कहा था कि, 'इस स्तर पर, परिस्थितियों पर विचार करते हुए, अपील में संभावित देरी और मेडिकल बीमारी के आधार पर, साथ ही जेल में दस साल की सजा पूरी करने के आधार पर, हमारे विचार में, जमानत के निलंबन की प्रार्थना पर विचार करना प्रासंगिक नहीं हो सकता।'
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आसाराम ने याचिका में कहा है कि वह साजिश का शिकार हुआ है और उसपर लगे दुष्कर्म के आरोप झूठे हैं। निचली अदालत ने शिकायत दर्ज कराने में 12 साल की देरी के लिए पीड़िता के स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए गलती की। जोधपुर में रेप के एक मामले में सजा के खिलाफ उसकी अपील राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित है। इस मामले में सजा के निलंबन के लिए आसाराम की याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने इस साल जनवरी में खारिज कर दिया था।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 22 November 2024 at 14:25 IST