अपडेटेड 29 June 2024 at 13:57 IST

NEET पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र से तीसरा आरोपी गंगाधर अरेस्ट, 1 अभी भी फरार

NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र में सीबीआई ने तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, अबतक एक आरोपी फरार चल रहा है।

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NEET paper leak
NEET पेपर लीक की जांच CBI के हाथ | Image: PTI

NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में महाराष्ट्र के लातुर से जुड़े नेटवर्क के सिलसिले में सीबीआई ने तीसरे आरोपी गंगाधर को भी गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, अबतक एक आरोपी फरार चल रहा है। CBI ने आरोपी गंगाधर को मसूरी से गिरफ्तार किया, लातूर पुलिस ने गंगाधर के खिलाफ FIR दर्ज किया था। शुरुआती जांच के दौरान एक स्कूल प्रिंसिपल और एक टीचर को अरेस्ट किया गया था। 

इसके बाद लातूर का मामला CBI को ट्रांसफर हो गया और अब इस मामले की जांच CBI कर रही है। बता दें, पहले लातूर पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। नीट में हुई धांधली के मामले में महाराष्ट्र की लातूर पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की और इनमें से दो लोंगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू की। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों व्यक्ति जलील खान उमर खान पठान के निर्देश पर काम करते थे।

बच्चों के नंबर बढ़ाने के लिए लेते थे पैसे

लातूर पुलिस ने संजय जाधव को 24 जून की शाम को हिरासत में लिया था और पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नीट एग्जाम में बच्चों के नंबर बढ़ाने के लिए आरोपी उनसे पैसे लेते थे। बच्चों के नंबर कैसे बढ़ाए जा सकते हैं और यह लोग कैसे ऑपरेट करते थे लातूर पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम इस पर जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार दोनों शिक्षक एक प्राइवेट कोचिंग सेंटर भी चलाते हैं।

मोबाइल फोन से मिली संदिग्ध जानकारी

पुलिस के अनुसार हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति के मोबाइल में NEET-UG 2024 से संबंधित संदिग्ध जानकारी मिली। एक अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में आरोपियों में से एक कोंगलवार द्वारा दिल्ली निवासी गंगाधर के साथ किए गए रुपये का लेनदेन सामने आया है। प्रथम दृष्टया कोंगलवार एक मध्यस्थ के रूप में काम करता था जो पठान और जाधव से नीट अभ्यर्थियों के प्रवेश-पत्र एकत्र करता था। अधिकारी ने कहा, "प्रवेश-पत्र एकत्र होने के बाद गंगाधर को 50,000 रुपये का पहले ही भुगतान किया जाता था और प्रवेश-पत्र उसे भेज दिए जाते थे। सौदा आमतौर पर पांच लाख रुपये (पेपर लीक के लिए प्रति छात्र) पर तय होता था।"

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 29 June 2024 at 12:51 IST