अपडेटेड 11 May 2025 at 12:44 IST

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी बड़ी खबर, भारत ने ब्रह्मोस से किया पाकिस्‍तान पर पलटवार; कई एयरबेस तबाह

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी बड़ी खबर, भारत ने पाकिस्‍तान पर छोड़ी ब्रह्मोस मिसाइल; कई एयरबेस तबाह

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brahmos missile attack on Pakistan
BREAKING: ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी बड़ी खबर, भारत ने ब्रह्मोस से किया पलटवार; कई एयरबेस तबाह | Image: Indian Army

ऑपरेशन सिंदूर के तहत शनिवार को भारत की सशस्त्र सेनाओं ने पाकिस्तान के कई प्रमुख सैन्य अड्डों पर सटीक और योजनाबद्ध तरीके से हमले किए। इन हमलों में अत्याधुनिक मिसाइलों और आधुनिक गाइडेड हथियारों का उपयोग किया गया, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल है। इस हमले में पाकिस्‍तान के चार एयरफोर्स एयरबेस रावलपिंडी (चकलाला एयरबेस), जकोबाबाद, भोलारी और स्‍कर्दू तबाह हो गए।

इसके साथ भारत ने अबतक पाकिस्‍तान के 11 एयरबेस को तबाह किया है। पाकिस्तान के नक्शे को देखें तो पीओके में स्कार्दू से लेकर सिंध तक 11 बड़े एयरबेस टारगेट किए गए हैं। अटैक इतना सटीक हुआ है कि सिर्फ रनवे ही नहीं बल्कि पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है।

ये हैं पाकिस्‍तान के तबाह हुए एयरबेस की लिस्‍ट

  1. नूरखान एयरबेस
  2. पीओके में स्कार्दू एयरबेस
  3. रफीकी एयरबेस
  4. मुरीद एयरबेस
  5. सुक्कूर एयरबेस
  6. सियालकोट एयरबेस
  7. चूनियान एयरबेस
  8. सिंध प्रांत का जैकोबाबाद के शाहबाज एयरबेस।
  9. सरगोधा एयरबेस
  10. पसरूर एयरबेस
  11. भोलारी एयरबेस
     

ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में

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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक अत्याधुनिक, बहु-प्रभावी मिसाइल प्रणाली है जिसे भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम “ब्रह्मोस एयरोस्पेस” ने विकसित किया है। यह विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। ब्रह्मोस का नाम नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी से लिया गया है। यह BrahMos Aerospace Pvt. Ltd. (भारत का DRDO और रूस का NPOM का संयुक्त उद्यम) है।

इसकी स्‍पीड लगभग 2.8 से 3.0 Mach (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। इसकी रेंज करीब 290 KM है। ब्रह्मोस को कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। इसे जमीन से, जहाज से, पनडुब्बी से लॉन्‍च किया जा सकता है। ब्रह्मोस का निर्यात कुछ मित्र देशों को करने की योजना है। फिलीपींस इसका पहला विदेशी ग्राहक बन चुका है। ब्रह्मोस की सुपरसोनिक गति के कारण इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल होता है। यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है और इसकी सटीकता बेहद उच्च है। एक बार लॉन्च करने के बाद यह लक्ष्य को खुद खोज लेता है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 11 May 2025 at 11:45 IST