अपडेटेड 6 December 2024 at 20:47 IST

BPSC 70th Prelims: क्या है नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया? जिसके खिलाफ बिहार में सड़कों पर BPSC अभ्यर्थी

BPSC 70th Prelims 2024: बिहार में BPSC 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा को लेकर बवाल मचा है। आइए जानते हैं नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया क्या है, जिसका विरोध हो रहा।

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BPSC परीक्षा को लेकर क्यों मचा बवाल? | Image: Republic World

BPSC 70th Prelims 2024: बिहार की राजधानी पटना में बिहार लोक सेवा आयोग के ऑफिस के बाहर युवाओं ने बवाल मचा दिया है। मामला BPSC 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों का गुस्सा फूटा है। BPSC एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू करने को लेकर उम्मीदवारों का गुस्सा फूटा है। बिहार लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाह र छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। बिहार पुलिस अपनी परंपरा को निभाते हुए एक बार फिर से अपनी हक के लिए आवाज उठा रहे अभ्यर्थियों के ऊपर लाठी-डंडे बरसाकर अभ्यर्थियों की आवाज को दबाने और उनके हौसले को तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी।

इस देश के नेताओं के मुंह से अक्सर आपने ये लाइन जरूर सुनी होगी कि देश के युवा ही भारत का उज्जवल भविष्य हैं, लेकिन देश के उज्जवल भविष्य जब अपनी आवाज को बुलंद करती है, सरकार अपनी नीतियों से उनके हक को कुचलने की कोशिश करती है। जो भारत का आनेवाला कल है, उनकी आज की आवाज अनसुनी की जाती है। देश के भविष्य को आज अपने हक के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। बता दें, BPSC 70वीं प्रतियोगिता परीक्षा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित की जाएगी। 6 दिसंबर यानि कि आज परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी किया जाना है। ये परीक्षा 150 अंकों की होगी। आइए जानते हैं कि क्या है वो नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया, जिसकी वजह से अभ्यर्थियों ने बवाल मचा रखा है।

क्या है BPSC की नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया?

BPSC की नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के फायदे और नुकसान दोनों हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि परीक्षा में जिस अभ्यर्थी के मार्क्स कटऑफ से ज्यादा अगर है, तो वो कम हो सकता है। वहीं अगर किसी के नंबर कटऑफ से कम हैं, तो उसे इसका फायदा मिल सकता है। अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा रहने पर की पालियों में परीक्षा आयोजित किए जाने पर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लागू किया जाता है।

लॉजिक ये है कि एक शिफ्ट में अगर कम सवाल का जवाब लिख पाए, या आपके नंबर कम आए, तो आयोग इस परीक्षा को ठप मानता है। वहीं अगर दूसरी शिफ्ट में अभ्यर्थियों ने ज्यादा सवाल के जवाब लिखे, और नंबर ज्यादा आएं, तो इसे आसान शिफ्ट माना जाता है। और चूंकि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू किया जाएगा, तो आसान शिफ्ट वालों को मिले मार्क्स के हिसाब से ठप शिफ्ट वालों का नंबर बढ़ जाएगा। मेहनत और लगन से परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के मनोबल को तोड़ने की इस साजिश का विरोध किया जा रहा है।

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कैसे तय होगा आसान शिफ्ट और कठिन शिफ्ट?

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत परीक्षा में मिले नंबर के आधार पर अभ्यर्थियों का प्रतिशत स्कोर निकाला जाएगा। अभ्यर्थियों को हासिल अंक के बराबर या फिर उससे कम अंक लाने वाले सभी कैंडिडेट की संख्या और उस शिफ्ट में शामिल हुए कुल अभ्यर्थियों की संख्या को डिवाइड करके उससे 100 से गुणा किया जाएगा। इस तरह से प्रतिशत स्कोर निकलेगा।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 6 December 2024 at 17:11 IST