अपडेटेड 28 November 2025 at 17:29 IST

Air Pollution: दिल्ली के बाद मुबई में भी बढ़ा प्रदूषण, बॉम्बे हाईकोर्ट ने जताई चिंता, BMC को दिया ये सख्त निर्देश

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर BMC,सिविल सोसाइटी और पॉल्यूशन कंट्रोल के अधिकारियों समेत 5 सदस्यीय टीम बनाने का निर्देश दिया। बढ़ते प्रदूषण पर कोर्ट ने चिंता जताई है।

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Bombay High Court
बॉम्बे हाईकोर्ट में वायु प्रदूषण पर सुनवाई | Image: ANI

राजधानी दिल्ली के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की हवा में जहर घुलता जा रहा है। वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में वायु प्रदूषण को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका (BMC) को सख्ती के साथ कई निर्देश जारी किया। साथ ही BMC से वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अब तक किए गए काम की डिटेल और आगे का एक्शन प्लान मांगा।

कोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका (BMC) को तीखी फटकार लगाते हुए 15 दिन के अंदर एक उच्चस्तरीय विशेष समिति गठित करने का आदेश दिया। इस समिति में पर्यावरण विशेषज्ञ, चिकित्सक, IIT और NEERI के वैज्ञानिक तथा नागरिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। समिति को 3 महीने में प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों की पहचान कर ठोस और तुरंत लागू होने वाले उपाय सुझाने होंगे।

BMC को 5 सदस्यीय टीम बनाने का निर्देश 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर BMC,सिविल सोसाइटी और पॉल्यूशन कंट्रोल के अधिकारियों समेत 5 सदस्यीय टीम बनाने का निर्देश दिया। यह टीम मुंबई के एक खास इलाके में घूमेगी और 15 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी कि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने की गाइडलाइंस का पालन हो रहा है या नहीं

टीम में शामिल होंगे ये एक्सपर्ट

टीम में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) का एक अधिकारी, हेल्थ डिपार्टमेंट और महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (MPCB) का एक कर्मचारी होगा। दो लोग सिविल सोसाइटी से होंगे जिनके नाम कोर्ट में मौजूद वकीलों ने सुझाए थे। चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम ए अंखड की बेंच एक सुओ मोटो याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिस पर कोर्ट ने एयर क्वालिटी खराब होने के बाद 2023 में सुनवाई शुरू की थी, जब उसने कहा कि AQI की समस्या से निपटने में कुछ समय लगेगा।

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कोर्ट ने दिल्ली का दिया उदाहरण

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, "इसमें कुछ समय लगेगा। दिल्ली 15-20 साल से संघर्ष कर रही है। मुंबई में वे यह कर सकते हैं। मुंबई को कुछ फायदे हैं। एमिकस क्यूरी (पहले नियुक्त कोर्ट के दोस्त) एडवोकेट दैरुस खंबाटा ने बताया कि गाइडलाइंस लागू हैं और यह सिर्फ अधिकारियों द्वारा उन्हें असरदार तरीके से लागू करने के बारे में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुंबई में लगभग 1000 कंस्ट्रक्शन साइट हैं और ज्यादातर गाइडलाइंस का पालन नहीं करती हैं। इसके अलावा गाड़ियों से होने वाला एमिशन एक बड़ी चिंता थी।

हालांकि, बेंच ने कहा, गाड़ियों से होने वाले पॉल्यूशन से आसानी से निपटा जा सकता है और हर कोई जानता है कि सड़क पर क्या होता है। हम ऐसा कोई ऑर्डर पास नहीं करना चाहते जिससे उन्हें लाइसेंस मिल जाए। वे चालान काटना शुरू कर देंगे, वे गाड़ियां जब्त करना शुरू कर देंगे। ऑर्डर से नागरिकों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। क्या हम कुछ लोगों, एक कमेटी से कह सकते हैं। "

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BMC ने कोर्ट में दी सफाई  

BMC की ओर से पेश हुए वकील मिलिंद साठे ने बताया कि कॉर्पोरेशन के पास 94 स्पेशल स्क्वॉड हैं जो कंस्ट्रक्शन साइट्स की जांच करते हैं। बेंच ने निर्देश दिया कि स्क्वॉड द्वारा पिछले एक साल में किए गए काम का डेटा सेव किया जाए ताकि जरूरत पड़ने पर कोई भी इसकी जांच कर सके, साथ ही कंस्ट्रक्शन साइट्स पर CCTV और सेंसर बोर्ड लगाने की डिटेल्स भी दी जाएं।

बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि पतझड़ शुरू होने से पहले हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से लोगों को एयर पॉल्यूशन से बचाने के लिए एक अवेयरनेस प्रोग्राम के तौर पर हेल्थ एडवाइजरी जारी की जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर सरकार लोगों को फ्री में मास्क दे सकती है।

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 28 November 2025 at 17:25 IST