अपडेटेड 17 April 2025 at 12:44 IST
'मेरी हत्या हो सकती है', लालू यादव के विधायक को सताया डर; कोर्ट में सरेंडर कर रीतलाल यादव बोले- पूरा षड्यंत्र हुआ
रीतलाल यादव के साथ उनके सहयोगी चिक्कू यादव, पिंकू यादव, श्रवण यादव और अन्य ने भी सरेंडर किया है। पुलिस ने 11 अप्रैल को उनसे जुड़े 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
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Ritlal Yadav: लालू प्रसाद के विधायक रीतलाल यादव ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। रीतलाल यादव दानापुर से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं। कई दिनों पहले तक रीतलाल यादव के फरार होने की खबरें थीं। राजद विधायक के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने, रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का मामला है। उसी मामले में पुलिस रीतलाल यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी। गुरुवार को आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। फिलहाल रीतलाल यादव अपनी जान को खतरा बता रहे हैं।
रीतलाल यादव के साथ उनके सहयोगी चिक्कू यादव, पिंकू यादव, श्रवण यादव और अन्य ने भी सरेंडर किया है। पुलिस ने 11 अप्रैल को उनसे जुड़े 11 ठिकानों पर छापेमारी की और करीब 10.5 लाख रुपये, 77.5 लाख रुपये के खाली चेक, जमीन हड़पने के 14 दस्तावेज और एग्रीमेंट, 17 चेकबुक और पांच स्टांप, छह पेन ड्राइव और वॉकी-टॉकी बरामद किए। कोर्ट में सरेंडर के बाद रीतलाल यादव ने आरोप लगाए कि आरोप झूठे हैं और उन्हें जान से मारने की कोशिश की जा रही है।
प्रशासन ने मुझे मारने की साजिश रची- रीतलाल
दानापुर के विधायक ने अपने बयान में कहा- 'जिस दिन मेरे घर पर छापा पड़ा, उस दिन बिल्डर (जिसने विधायक पर आरोप लगाए हैं) के साथ मिलकर प्रशासन ने मुझे मारने की साजिश रची। मैं जेल जा रहा हूं। मेरी जान को सबसे बड़ा खतरा जेल जाने और कोर्ट में पेश होने के बीच है। मेरी हत्या यहां भी हो सकती है। बिल्डर खुद दोषी है।' राजद विधायक ने कहा कि मैं जमानत याचिका तभी दाखिल करूंगा जब मेरी जान बच जाएगी।
रीतलाल यादव ने लगाए गंभीर आरोप
विधायक ने अपने बयान में कहा- 'मुझे मारने की कोशिश कई महीनों से हो रही है। मेरे प्रतिद्वंद्वी को कुछ अधिकारियों ने मदद के लिए 47 उपलब्ध कराई थी, उसे मुझे मारने के लिए कहा गया था और कहा गया था कि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैंने अपने निजी सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी। पुलिस अधिकारियों को ये बर्दाश्त नहीं हुआ, उन्होंने मुझसे कहा कि मैं बिना अनुमति के निजी सुरक्षाकर्मी नहीं रख सकता। फिर भी, मैंने उन सुरक्षाकर्मियों को रखना जारी रखा। मुझे ये भी पता चला कि मुझे गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मैंने अपने निजी सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया। इसके बाद लोग मेरे गांव में आने लगे। यह महीनों तक चलता रहा। सिर्फ मैं ही नहीं मेरा पूरा गांव डर में था।'
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 17 April 2025 at 12:44 IST